December 23, 2024
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भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद ने इनेलो के नेता एवं सीनियर डिप्टी मेयर मनोज वधवा पर पलटवार करते हुए कहा है कि मनोज अपने भाई सोनू वधवा द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए मनगढंत आरोप लगाकर औछी राजनीति कर रहा है। जिसका आने वाले समय में करनाल की जनता मनोज वधवा को करारा जवाब देगी।

जगमोहन आनंद शनिवार को लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें सोनू वधवा की मौत का गहरा दुख है, लेकिन इस बात का बेहद अफसोस है कि सोनू का भाई मनोज वधवा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए 8 महीने के बाद नगरनिगम के चुनाव को नजदीक देखकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है जिसके चलते जिस मुख्यमंत्री के मनोज वधवा सार्वजनिक तौर पर पैर छूकर आर्शीवाद लेता है, आज सस्ती लोकप्रियता के चक्कर से बाज नहीं आ रहा है जिसका जवाब हम नहीं यहां का वोटर देगा। करनाल की जनता इनेलो के इस नेता को ऐसी औछी हरकत के लिए कभी माफ नहीं करेगी।

आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सोनू वधवा के देहांत पर दो बार वधवा परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे इसके अलावा हरियाणा पुलिस के महानिदेशक बीएस सन्धू सांत्वना देने पहुंचे थे। आत्महत्या मामले की जांच सही नहीं होने पर प्रशासन द्वारा मनोज वधवा के आग्रह करने पर संंबंधित डीएसपी से जांच वापिस लेकर दूसरे अधिकारी को सौंपी गई थी।

एक सवाल के जवाब में जगमोहन आनदं ने कहा कि हमें अभी ये जानकारी नहीं है कि मनोज वधवा के खिलाफ कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन जैसे ही उनके पास ये जानकारी आएगी वे इसका खुलासा मीडिया के माध्यम से जनता में करेंगे। एक संत प्रवृति के मुख्यमंत्री पर इस तरह के लांछन लगाने से मनोज वधवा को बाज आना चाहिए, मनोज वधवा राजनीति करना चाहते हैं तो करें लेकिन भाई की मौत पर नहीं।

उन्होंने इनेलो पर हमला करते हुए कहा कि वधवा ऐसे राजनैतिक दल से संबंध रखते हैं जो थूकते हैं और भाग जाते हैं वो किसी के नहीं हैं। मनोज वधवा ने राजनीति के स्तर को इतना नीचे गिरा दिया है कि भाई की मौत पर आंसू बहाने की बजाय राजनीतिक लाभ लेने के लिए अनाब-शनाब बयानबाजी पर उतारू हो गए हैं।

आनंद ने एक प्रश्र के उत्तर में कहा कि सोनू वधवा के आत्महत्या मामले में भाजपा के न तो किसी विधायक का और न ही किसी नेता का व कार्यकर्ता का संबंध नहीं है। भाजपा के कार्यकर्ताओं के ऐसे संस्कार नहीं है जो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर पर गिर जाएं।

यहां पर ये बताना जरूरी है कि आज से आठ माह पहले मनोज वधवा, उसके पिता व अकाऊंटैंट ब्लैक मनी लेकर जाते समय तरावड़ी पुलिस ने रंगे हाथों धर दबौचा था और इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सोनू वधवा ने किन हालातों में आत्महत्या की या तो स्वयं सोनू वधवा जानता था या उसके परिवार वालों को, इस मामले की गंभीरता से जाँच होनी चाहिए। आनंद ने बताया कि नोटबंदी के दौरान ब्लैक मनी और सोनू आत्महत्या के मामले अलग-अलग विषय हैं लेकिन मनोज अपने फायदे के लिए इन्हें राजनैतिक रंग दे रहा है।

उन्हें ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए, इस मौके पर मीडिया ने जमकर सवाल दागे जिनका आनंद ने बेबाकी से जवाब दिया। आज की पत्रकार वार्ता में नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी, भाजपा नेता अशोक सुखीजा, पूर्व मंत्री शशिपाल मेहता, जिला महामंत्री योगेन्द्र राणा एवं राजबीर शर्मा, शमशेर नैन, किसान नेता सतीश राणा, अशोक भंडारी, नरेन्द्र पंडित, जयपाल शर्मा सहित अन्य नेता उपस्थित थे।

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