समाधानांचल सेवा समिति द्वारा चलाए जा रहे त्रिवेणी लगाने के पुण्य कार्य को आगे बढ़ाते हुए आज समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्षा एडवोकेट संतोष यादव एवं इनेलो नेता पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने जाट धर्मशाला में 182वीं त्रिवेणी लगाई और लोगों को त्रिवेणी से होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने अपने सम्बोधन में कहा कि त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं एवं पितरों का वास माना जाता है। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है और आने वाली भावी पीढ़ी के लिए भी वरदान साबित होती है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण के प्रति हमें कटिबद्ध होने की जरुरत है।
यदि वृक्षों का संरक्षण और नये पौधों का रोपण नहीं किया गया तो हमारी आने वाली पीढिय़ा शुद्ध वायु के लिए तरस जाएंगी और पूरी मानवता पर संकट खड़ा हो जाएगा। इसलिए हम सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। इस दौरान श्री चौटाला ने एडवोकेट संतोष यादव को पर्यावरण बचाने के लिए छेड़ी गई मुहिम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्षा एडवोकेट संतोष यादव ने कहा कि त्रिवेणी (बड़, नीम और पीपल) का शास्त्रों में भी विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपने जीवन में कम से कम एक त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए। जैसे-जैसे त्रिवेणी बढ़ती है वैसे ही आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ेगी और आपके सभी कष्ट स्वत: मिट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं वही असल में जिंदगी है।
इस अवसर पर इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृज शर्मा ने कहा कि ये त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष न होकर इसका अध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थाई यज्ञ की संज्ञा दी गई है। जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है। हर वह सांस जो श्रद्धाभाव से अध्यात्मिक भाव से इस त्रिवेणी को लगाता है या लगवाता है या फिर इसका पालन पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं जाता। दूसरी ओर ये तो पर्यावरण की लड़ाई है और न्याय की लड़ाई है इसे हम मानते हैं कि वन, जलवायु और पर्यावरण सभी के सांझे सरोकार है और मेरे विचारों से इन सांझे सरोकारों का निबाह करने के लिए ही हमने त्रिवेणी लगाने की मुहिम छेड़ी हुई है।
इस मौके पर पूर्व विधायक नरेन्द्र सांगवान ने कहा कि त्रिवेणी तीन पेड़ो का संगम होता हैं बड़, नीम और पीपल। त्रिवेणी हमे हमारी संस्कृति से जुडऩे का संदेश देती हैं। इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी हमे आध्यात्मिकता से जोड़ती हैं और यह आने वाली पीढिय़ो के लिए वरदान हैं। जहां त्रिवेणी लगी होती हैं वहां हर पल सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता हैं। त्रिवेणी प्राणियो में प्राणो का संचार करती हैं और जब तक पृथ्वी पर प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है तब त्रिवेणी सहियोग प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर रविंद्र रमन, एडवोकेट दीपक, मनीष कादियान, गुरताज विर्क, एडवोकेट राकेश, रामदयाल बलड़ी व धर्मवीर पाढ़ा सहित सैंकड़ों कार्यकत्र्ता उपस्थित रहेे।