(मालक सिंह) करनाल अशोका नर्सरी के निवासी रविन्द्र मान और नरेंद्र राणा अपने खाली पड़े प्लाट में जैविक सब्जियों की खेती कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए है। अगर आप पेस्टिसाइड के स्वाद वाली सब्जियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो खाली प्लाट या छत पर उगी ये सब्जियां आपको जरूर पसंद आएंगी।
अब खाली पड़े प्लाट में दोंनो ने लौकी, तुरई, टिंडे, करेला, भिंडी, बैंगन, टमाटर, पुदीना,धनिया हरी मिर्च, गोबी, पेठा और ककड़ी की सब्जियां लगाई है।कुछ सब्जियां अभी तैयार है। कुछ पर फूल आये हुए है।
बाजार में मिल रही सब्जियों में कई हार्मफुल केमिकल्स होने की संभावना रहती हैं क्योंकि सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए ज्यादा मात्रा में कीटनाशक और उर्वक का उपयोग होता है। हमारे हाथ आयी थाली कितनी हेल्दी है इसका पता कैसे चलेगा ?
रविन्द्र मान पेशे से बिजली विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। मान ने बताया कि सुबह और शाम को थोड़ा समय मिलता है तो मैं गार्डनिंग करता हूं। उनके साथी नरेंद्र राणा फाइनेस का काम करते है। वो भी सुबह कुछ घंटे सब्जियों को देते है ताकि कसरत भी हो जाये और जैविक सब्जियां भी मिल जाये।
दोनों ने बताया कि बाजार में केमिकल युक्त सब्जियों के होने की वजह से अब हम लोग घर पर ऑर्गेनिक वेजिटेबल उगाने का जतन कर रहे हैं।
ये काम आसान तो नहीं है, लेकिन जिन्हें गार्डनिंग का शौक है, वे बेहद उत्साह इसे कर रहे हैं। इस तरीके से घर में उगी ताजी ऑर्गेनिक वेजिटेबल पूरे परिवार को तो मिल ही रही हैं, साथ ही पड़ोसियों के किचन में भी जगह बना रही हैं।
पूरी तरह ऑर्गेनिक और ज्यादा टेस्टी : रविन्द्र मान ने कहा, ‘इन सब्जियों को उगाने के लिए उन्नत बीज या बढ़िया पौध का इस्तेमाल किया हैं। इनमें किसी भी केमिकल का यूज नहीं किया है।
सिर्फ मिट्टी और गोबर की खाद का यूज किया हैं। कीड़े लगने पर वो पौधा ही निकाल देते हैं या नीम का तेल इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप पेस्टिसाइड के स्वाद वाली सब्जियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो घर की छत या खाली प्लाट में वेजिटेबल उगाए ये सब्जियां आपको जरूर पसंद आएंगी।
नरेंद्र राणा ने बताया कि हम इनमें कीटनाशक की जगह गोमूत्र का इस्तेमाल कर रहे है। जबकि रासायनिक खाद के बदले जैविक खाद उपयोग में लिया है। पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए हम गोमूत्र के अलावा छाछ को सड़ाकर पौधों पर उसका छिड़काव करते हैं।