राजस्थान की विश्वविख्यात उत्कीर्णकला का नमुना अब आप स्मार्ट सिटी में देख सकते हैं। नगर निगम की ओर से शहर के महात्मा गांधी चौक की लोकेशन पर धौलपुरी स्टोन को तराश कर जालीनुमा दीवार तैयार करवाई गई है। निगम आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने सोमवार को इस सबंध में बताया कि शहर में कई ऐसी लोकेशन्स हैं, जो मुख्य मार्गों पर होते हुए भी देखने में अच्छी नहीं लगती।
स्थिति के हिसाब से ऐसी जगहों पर कुछ न कुछ बनाकर रिनोवेट किया जाएगा। अस्पताल रोड़ से महात्मा गांधी चौक के बांई ओर खाली पड़ी एक जगह से इसकी शुरूआत हो गई है। बीते दिनो इसका लगाया गया और फिर कार्य शुरू हुआ। राजस्थान के दक्ष कारीगरों ने उत्कीर्ण किए गए धौलपुरी पत्थरों के पैनलो को जोडक़र सडक़ किनारे जालीनुमा दीवार बनाई। पत्थरों पर इस तरह की नक्काशी मुगलकालीन शैली की देन है, जिसे बाद में राजस्थान के कारीगरों ने अपनाया और वे अब पीढ़ी दर पीढ़ी इस काम में लगे हैं।
उन्होने बताया कि इस लोकेशन पर पहले टूटी-फुटी ईंटे व मिट्टी के ढेर दिखाई पड़ते थे, जो शहर की सुंदरता को खराब कर रहे थे। अब यह जगह दर्शनीय हो गई है। उन्होने बताया कि रैड सैंड स्टोन के 5 गुणा 2 साईज के पैनलो को जोडक़र 17 फुट ऊंची दीवार की शेप में लिया गया।
लम्बाई में यह 43 फुट है, जबकि इसकी चौड़ाई करीब साढे 3 फुट है। जालियों को 12 से 14 फुट के कॉलमो में रखा गया है। टॉप पर कार्विंग की गई है। खास बात यह है कि उत्कीर्ण का सारा कार्य कारीगरो ने अपने हाथ से ओर राजस्थान में ही पूरा किया, जिसे बाद में यहा लाया गया।
इस पर करीब डेढ महीना लगा और इसे जोडक़र खड़ा करने में भी करीब 20 से 25 दिन लग गए। सारा कार्य नगर निगम की सहायक इंजीनियर मोनिका शर्मा और जूनियर इंजीनियर सुशील शर्मा की देखरेख में हुआ, जिन्होने स्वत: इसका डिजाईन तैयार किया। इस पर करीब 15 लाख रूपये की अनुमानित लागत आई। आयुक्त ने बताया कि जालीनुमा इस दीवार का अवलोकन दिन की तुलना में रात्रि को अति खूबसूरत है।
क्योंकि रात के समय यह ग्रीन, रैड व ब्ल्यू लाईटों की रोशनी से नहाकर प्रकाशमय हो जाता है, जो देखने वालो को कुछ क्षण के लिए यहां रोक लेता है। अब यह शहर की खूबसूरती का हिस्सा बन गया है। हालांकि इसमें दुधिया रोशनी दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास लगी फॉक्सिंग लाईट से इसका प्रत्येक हिस्सा चमक उठता है, जो देखने में अति सुंदर लगता है।