करनाल की एकता कॉलोनी में रहने वाली अर्चना मोर ने पंचकुला में 24 से 29 मार्च तक आयोजित हुई पेरा एथलेटिक चेम्पियनशिप 2018 नेशनल गेम्स में शॉटपुट में गोल्ड मैडल जीतकर एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि म्हारे हरियाणा की छोरिया किसी से कम नहीं है !
महिला दिव्यांग खिलाड़ी अर्चना मोर का सोनीपत के कुंडली में जन्म हुआ और करीब 16 साल पहले करनाल में शादी हुई ,अर्चना की एक लड़की 16 साल व लड़का 12 साल है , दिव्यांग होने के बावजूद भी बचपन से ही खेलने का शौक है !
वालीबॉल के अलावा एथलेटिक्स में भी स्टेट खेल चुकी है ! अर्चना का कहना है कि मायके के साथ साथ उसे ससुराल से भी पूरा सहयोग मिल रहा है ,वही अर्चना ने सरकार से गुहार लगाई की पेरा गेम्स के बारे में पेरा खिलाड़ियों को ज्यादा पता नहीं होता है जिसपर सरकारें अगर और जागरूकता फैलाएं तो ऐसे कई खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है जो हाथ व पैर से थोड़े लाचार होते है ,वही सरकारों को पेरा खिलाड़ियों के लिए नौकरियों में भी आरक्षण ज्यादा रखना चाहिए ताकि वह खेल के साथ साथ नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण भी साथ साथ कर सके !