करनाल के मेरठ रोड पर बीती रात एक बड़ा सड़क हादसा उस समय होते-होते बचा जब एक भारी भरकम ट्रक अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गया। पंजाब के गोविंदगढ़ से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहा यह लोडेड ट्रक रात के करीब 9:00 बजे मेरठ रोड पर बने स्पीड ब्रेकर पर उछला और संतुलन खोने के कारण बीच हाईवे के डिवाइडर पर जा फंसा। गनीमत यह रही कि ट्रक पलटा नहीं और सामने से कोई अन्य वाहन इसकी चपेट में नहीं आया, अन्यथा परिणाम बेहद घातक हो सकते थे।
हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई। घने कोहरे और भीषण ठंड के बीच यह ट्रक रात भर बीच सड़क पर ही खड़ा रहा। सुबह के समय जब विजिबिलिटी लगभग शून्य थी, तब यह ट्रक अन्य वाहनों के लिए एक बड़ा खतरा बना रहा। ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि उसने नेशनल हाईवे हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कई बार कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। पुलिस की टीम मौके पर जरूर आई, लेकिन उन्होंने ट्रक को हटवाने या वहां सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स लगाने के बजाय ड्राइवरों को ही इसे जल्द हटाने की हिदायत देकर पल्ला झाड़ लिया।
ट्रक ड्राइवरों ने अपनी और दूसरे राहगीरों की जान बचाने के लिए पूरी रात संघर्ष किया। ड्राइवरों के अनुसार, उन्होंने सड़क किनारे लकड़ियाँ और कचरा इकट्ठा करके रात भर आग जलाई ताकि उसकी रोशनी से कोहरे में आ रहे अन्य वाहन चालकों को खतरे का आभास हो सके। इसके अलावा, वे टॉर्च लेकर भी वाहनों को संकेत देते रहे। ड्राइवरों का कहना है कि ट्रक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और उसे बिना खाली किए हटाना संभव नहीं था, क्योंकि इससे उसके पलटने का डर था।
इस घटना ने सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर्स की खस्ता हालत और प्रशासन की सुस्ती को भी उजागर किया है। ड्राइवरों का आरोप है कि मेरठ रोड पर बने स्पीड ब्रेकर्स पर सफेद पट्टियां पूरी तरह मिट चुकी हैं, जिस कारण रात के समय वे दिखाई नहीं देते और तेज रफ्तार वाहन उन पर उछलकर अनियंत्रित हो जाते हैं। यदि प्रशासन ने समय रहते सड़क सुरक्षा के इन बुनियादी पहलुओं पर ध्यान दिया होता, तो शायद यह हादसा न होता। सुबह तक क्रेन की मदद से ट्रक को हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी, जिससे हाईवे पर यातायात भी प्रभावित हुआ। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि कोहरे के मौसम में सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को तुरंत हटाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।