करनाल के घरौंडा नेशनल हाईवे पर एक बार फिर हरियाणा रोडवेज की बस का आतंक देखने को मिला है। एक तेज रफ्तार रोडवेज बस, जो रोहतक डिपो की बताई जा रही है, ने दो युवकों को बुरी तरह कुचल दिया। चश्मदीदों के अनुसार, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद हाईवे पर चीख-पुकार मच गई और भारी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह बस किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही थी और इसकी रफ्तार बहुत ज्यादा थी। हादसे के तुरंत बाद चालक और परिचालक बस को मौके पर ही छोड़कर भाग निकले। इस घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों और राहगीरों ने बस का घेराव कर लिया और जमकर नारेबाजी की। लोगों का गुस्सा इतना अधिक था कि उन्होंने बस के शीशे भी तोड़ दिए। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को भी भीड़ के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा।
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि घरौंडा के पुराने बस स्टैंड पर रोडवेज बसें रुकती नहीं हैं। चालक अक्सर बस को हाईवे के कट से बहुत तेज गति में निकालते हैं। धुंध और कोहरे के मौसम में जहाँ सरकार ने गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की है, वहीं रोडवेज चालक 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बसें दौड़ाते हैं। किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसों के चालकों पर अधिक चक्कर लगाने के चक्कर में लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही हाईवे थाना एसएचओ और भारी पुलिस बल मौके पर पहुँचा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हाईवे को क्लियर कराया और क्षतिग्रस्त बस को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और फरार चालक व परिचालक की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर हरियाणा रोडवेज की सुरक्षा व्यवस्था और चालकों की ट्रेनिंग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि हाईवे पर कटों के पास गति सीमा निर्धारित की जाए और पुराने बस स्टैंड पर बसों का ठहराव अनिवार्य किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके। फिलहाल, पुलिस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।