करनाल के घरौंडा इलाके में दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर एक भीषण सड़क हादसा सामने आया है, जहाँ हरियाणा रोडवेज की एक तेज रफ्तार बस ने दो लोगों को बुरी तरह कुचल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भयानक था कि दोनों युवकों की मौके पर ही जान चली गई। घटना के तुरंत बाद हाईवे पर हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई।
बताया जा रहा है कि बस रोहतक डिपो की थी और काफी तेज गति से आ रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जानकारी दी कि चालक ने बस को रोकने की कोशिश नहीं की और टक्कर मारने के बाद भी बस को आगे ले जाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में जनता के दबाव के कारण उसे रुकना पड़ा। जैसे ही पुलिस और स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंचे, चालक और परिचालक बस को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए।
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रोडवेज चालकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लोगों का आरोप है कि घरौंडा के पुराने बस स्टैंड पर बसें रुकनी चाहिए, लेकिन नए बस स्टैंड बनने के बाद से कोई भी बस चालक यहाँ ब्रेक नहीं लगाता। चालक अक्सर 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बसें दौड़ते हैं, जबकि कोहरे और धुंध के मौसम में सरकार द्वारा गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। लोगों ने यह भी दावा किया कि किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसों के चालक अधिक किलोमीटर पूरे करने के चक्कर में लापरवाही से ड्राइविंग करते हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही हाईवे थाना प्रभारी (एसएचओ) पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने बस को अपने कब्जे में लेकर थाने पहुँचाया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और फरार चालक व परिचालक की तलाश की जा रही है। हाईवे पर यातायात को सुचारू करने के लिए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की ताकि कोई अन्य दुर्घटना न हो।
मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया गया है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने बस चालकों की बेलगाम रफ्तार और बस ठहराव के नियमों पर सख्ती नहीं दिखाई, तो इस तरह के जानलेवा हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे। पुलिस फिलहाल मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।