करनाल : करनाल में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहाँ स्कूल से घर लौट रहे तीन छात्रों की बुलेट बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस मामले में परिजनों और चश्मदीद छात्रों ने एक पुलिस राइडर पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस राइडर ने चालान काटने के उद्देश्य से बच्चों को रोकने का प्रयास किया और जब बच्चे नहीं रुके, तो राइडर ने चलती बाइक को लात मारकर गिरा दिया। इस टक्कर के कारण बाइक का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई।
हादसे में बाइक सवार तीनों छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। इनमें से मुख्य रूप से बाइक चला रहे 19 वर्षीय छात्र गुरकीरत की हालत नाजुक बताई जा रही है। उसका चेहरा पेड़ से टकराने के कारण बुरी तरह बिगड़ गया है। घायल छात्रों का प्राथमिक उपचार करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में चल रहा है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई या रोहतक रेफर करने की सलाह दी है।
परिजनों और साथ चल रहे अन्य छात्रों का आरोप है कि हादसा होने के बाद पुलिस राइडर ने बच्चों की मदद करने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि राइडर ने घायल बच्चों को अस्पताल पहुँचाने में सहयोग नहीं किया और बाइक की चाबी निकालकर वहाँ से चला गया। छात्रों के परिजनों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि दोषी राइडर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर बच्चों ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया था या वे ट्रिपल राइडिंग कर रहे थे, तो पुलिस को उनका चालान काटना चाहिए था या उनके घर पर सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन इस तरह जान जोखिम में डालना सरासर गलत है।
दूसरी ओर, इस मामले में यातायात नियमों के उल्लंघन का पहलू भी सामने आया है। छात्र बुलेट पर ट्रिपल राइडिंग कर रहे थे और पुलिस के रोकने पर उन्होंने बाइक रोकने के बजाय उसे भगाने का प्रयास किया। जानकारों का कहना है कि नियमों का पालन न करना और पुलिस से भागना भी हादसों को न्यौता देता है। फिलहाल, पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वह राइडर कौन था और क्या वाकई उसने जानबूझकर बाइक को टक्कर मारी या संतुलन बिगड़ने की वजह कुछ और थी। अस्पताल में मौजूद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं।