करनाल: करनाल नेशनल हाईवे 44 पर देर रात लगभग 3 बजे एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दुर्घटना करनाल झील के पास हुई बताई जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त वाहन एक कर्नाल नंबर की किआ सोनेट कार थी, जिसमें चालक सहित दो लोग सवार थे। दुर्घटना की स्थिति इतनी गंभीर थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, शीशा चकनाचूर हो गया और गाड़ी के पुर्जे बाहर निकल आए। कार के दोनों एयरबैग भी खुल गए थे।
यात्री गंभीर रूप से घायल
हादसे में कार की यात्री सीट पर बैठे व्यक्ति को काफी गंभीर चोटें आईं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी, हाईवे पुलिस और डायल 112 की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचीं। तत्काल कार्रवाई करते हुए घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भिजवाया गया। हालांकि, हादसे की गंभीरता को देखते हुए कार लाखों के नुकसान का शिकार हुई है।
तेज़ गति या लापरवाही बनी वजह?
हादसे के कारणों को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है और पुलिस मामले की जाँच कर रही है कि यह टकराव किसी दूसरे वाहन से हुआ है या फिर तेज़ गति के कारण कार पलट गई। लेकिन, वाहन की स्थिति देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दुर्घटना अत्यधिक गति या चालक की लापरवाही के कारण हुई होगी। एक हल्का टकराव या मामूली रगड़ इतनी बुरी क्षति का कारण नहीं बन सकता।
सड़क सुरक्षा नियमों के पालन की सख़्त ज़रूरत
इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों के सख़्त पालन की आवश्यकता को रेखांकित किया है। अक्सर देखने में आता है कि वाहन चालक जल्दबाज़ी में निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, जिससे ऐसी जानलेवा परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। वक्ताओं ने ज़ोर दिया कि ‘जल्दबाज़ी से हमेशा देर भली’ होती है, और थोड़ी देर हो जाना भी दुर्घटना से बचने से बेहतर है।
इसके अलावा, चालकों को लंबी दूरी की यात्रा के दौरान पूरी नींद लेने और पर्याप्त विश्राम करने की भी सलाह दी गई है, क्योंकि नींद की झपकी भी बड़े हादसों का कारण बन सकती है। यह भी महत्त्वपूर्ण है कि चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
मानवता का संदेश
वक्ताओं ने एक और महत्त्वपूर्ण बात पर ध्यान दिलाया कि अगर कभी किसी की लापरवाही से कोई दुर्घटना हो जाए, तो चालक को मौके से भागना नहीं चाहिए। मानवता के नाते, घायल की मदद करना और अस्पताल पहुँचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। सड़क पर हर वाहन चालक की ज़िम्मेदारी होती है कि वह न केवल अपनी जान की, बल्कि दूसरे लोगों की जान की सुरक्षा भी सुनिश्चित करे।
चूँकि अब सर्दियों का मौसम आ रहा है और कोहरा (फॉग) बढ़ने वाला है, ऐसे में दुर्घटनाओं का जोखिम और बढ़ जाता है। इसलिए सभी से अपील की गई है कि वे धीमी गति से और सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएँ। पुलिस दुर्घटना के सही कारणों की जाँच कर रही है।