- करनाल शुगर मिल में 50वें पिराई सत्र का शुभारंभ, इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप ने बटन दबाकर शुरुआत की।
- गन्ने का रेट 415 रुपये प्रति क्विंटल तय, मिल प्रबंधन के अनुसार यह पूरे देश में सबसे अधिक बताया गया।
- 2025–26 सत्र के लिए 50 लाख क्विंटल गन्ने की बॉन्डिंग, ऑनलाइन टोकन से ट्रॉली 4 घंटे में खाली होने का दावा।
- करनाल शुगर मिल को हरियाणा की कोऑपरेटिव मिलों में टेक्नोलॉजिकली सबसे एडवांस्ड बताया गया, पिछली बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
- गन्ना लेकर पहले पहुंचने वाले किसानों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, किसानों ने रेट बढ़ोतरी व समय पर पेमेंट का स्वागत किया।
करनाल की शुगर मिल में 50वें पिराई सत्र का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया। मिल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इंद्री से विधायक रामकुमार कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और बटन दबाकर पिराई सीज़न की शुरुआत की। कार्यक्रम में शुगर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर शक्ति सिंह सहित सहकारिता विभाग और कनफेड के अधिकारी भी मौजूद रहे। पहले सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा के आने का कार्यक्रम था, लेकिन किसी कारणवश वे नहीं पहुंच सके और उनकी ओर से वीडियो संदेश प्रेषित किया गया।
विधायक रामकुमार कश्यप ने कहा कि करनाल की सरकारी शुगर मिल का 50वां पिराई सत्र शुरू होना प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने हवन और मंत्रोच्चार के माध्यम से भगवान का आशीर्वाद लेने के बाद नए सीज़न के लिए किसानों, अधिकारियों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नैप सिंह सैनी के मार्गदर्शन में यह सत्र शुरू हुआ है और आशा है कि मिल अपने पूर्व रिकॉर्ड की तरह इस बार भी बेहतरीन प्रदर्शन करेगी और अलग-अलग क्षेत्रों में पुरस्कार हासिल करती रहेगी।
मिल प्रबंधन ने बताया कि हाल ही में गन्ने के दाम में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है और अब गन्ने का रेट 415 रुपये प्रति क्विंटल तय है, जो पूरे देश में सर्वाधिक बताया गया। मैनेजिंग डायरेक्टर शक्ति सिंह ने कहा कि पिछले 9 साल से हरियाणा में गन्ने का भाव देश में सबसे ऊपर रहा है और आगे भी किसानों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गन्ने की पेमेंट समय पर की जा रही है और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
शक्ति सिंह ने करनाल शुगर मिल को हरियाणा की सभी कोऑपरेटिव मिलों में टेक्नोलॉजी के लिहाज से सबसे एडवांस्ड बताया। उन्होंने कहा कि मिल की दक्षता, रिकवरी रेट और समय पर गन्ना उठान के चलते इसे राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिल चुका है। इस सत्र में भी मिल की कोशिश रहेगी कि अधिकतम रिकवरी के साथ बेहतर उत्पादन किया जाए और किसानों का गन्ना समय पर लिया जाए।
मिल अधिकारियों के अनुसार, 2025–26 के इस पिराई सत्र में तकरीबन 50 लाख क्विंटल गन्ने की बॉन्डिंग की गई है और अनुमान है कि इससे भी अधिक गन्ना प्राप्त होगा। मिल की योजना है कि किसानों का गन्ना जल्द से जल्द और समय पर पिराई कर दिया जाए, जिसके लिए ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है। बताया गया कि इस व्यवस्था से किसानों की ट्रॉली लगभग चार घंटे के भीतर खाली हो जाती है और पहले की तरह इस बार भी पेमेंट प्रक्रिया को स्मूथ और समयबद्ध रखा जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान शुगर मिल में सबसे पहले गन्ना लेकर पहुंचने वाले किसानों का विशेष रूप से सम्मान किया गया। इंद्री से विधायक रामकुमार कश्यप ने किसानों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मंच पर मौजूद अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। किसानों ने गन्ने के रेट में हुई बढ़ोतरी और समय पर पेमेंट को सकारात्मक कदम बताया।
विधायक रामकुमार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा आगमन से भी प्रदेश को नई सौगातें मिलने की उम्मीद है। उन्होंने लोगों से कुरुक्षेत्र पहुंचकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने और उनके मार्गदर्शन को ध्यान से सुनने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जो सुझाव और दिशा देंगे, उसे जीवन और कृषि–आर्थिक गतिविधियों में अपनाने का प्रयास होना चाहिए।
मिल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से आशा व्यक्त की कि इस 50वें पिराई सत्र में करनाल शुगर मिल न केवल गन्ने की समय पर पिराई और भुगतान के मामले में बेहतर प्रदर्शन करेगी, बल्कि प्रदेश और देश की आर्थिक मजबूती में भी अपनी भूमिका निभाएगी।