करनाल स्थित सुजान सिंह, जो भारत के नेवी के पूर्व अधिकारी थे, ने 103 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका जन्म 1921 में पाकिस्तान के शेखपुरा जिले के गांव कड़ियाल में हुआ था और 1944 में उन्होंने भारतीय नेवी में भर्ती होकर देश की सेवा की।अपने जीवनकाल में वे न केवल एक बहादुर जवान थे, बल्कि किसान और समाजसेवी भी थे।
उनका जीवन देशभक्ति और समाजसेवा का उदाहरण था। उन्होंने परिवार को भी सम्मानजनक पद प्रदान किए, जैसे कि उनके बेटे डॉक्टर और टीचर हैं, और बेटी भी उच्च पदों पर कार्यरत रही।बार्डर विभाजन के समय वे पाकिस्तान से आए और यहां अपना नया घर बसा कर इलाके में समृद्धि और विकास के लिए काम किया।
सुजान सिंह के जन्मदिन का समारोह करनाल में धूमधाम से मनाया जाता था, जिसमें नौसेना के बड़े अधिकारी वीडियो कॉल के माध्यम से बधाई देते थे। उनके अंतिम संस्कार में भी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और उन्हें विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की गई।उनके गांव के लोग उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते हैं और उनके आदर्शों को याद करके गर्व महसूस करते हैं।
उन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने संकल्प से सभी बाधाओं को पार किया। उनकी जीवनशैली स्वच्छ, अनुशासित और समर्पित थी।उनका निधन करनाल समेत पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।