करनाल। पिछले दो महीने से सिंचाई विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। करनाल जिला में लगभग 450 अधिकारियों व कर्मचारी हैं, जिनका वेतन रोक लिया गया है। मामला कुरुक्षेत्र में 11 साल पहले हुए एक हादसे से जुड़ा है। करनाल के एक व्यक्ति की नहर में गिरने से मौत हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने सिंचाई विभाग को आदेश जारी किए थे कि मृतक के परिवार को 40 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
सिंचाई विभाग ने लापरवाही बरती और यह मुआवजा राशि जारी नहीं की गई। अब कोर्ट ने पुन: आदेश जारी कर 77 लाख 50 हजार रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। साथ ही करनाल जिला के कर्मचारियों को दो महीने का वेतन नहीं मिला है। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन ने कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय को लेकर सोमवार को भी दो घंटे मीटिंग सिंचाई विभाग सर्कल कार्यालय माल रोड में की। अध्यक्षता जिला प्रधान रंगलाल संधू ने की व संचालन जिला सचिव रोहताश खोखर ने किया। यूनियन ने फैसला लिया है कि जब तक वेतन जारी नहीं किया जाता तब तक सोमवार से रोजाना धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
रंगलाल संधु ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन रोकने का कोई औचित्य नहीं है। कुरुक्षेत्र में हुए हादसे के लिए करनाल के कर्मचारी जिम्मेवार नहीं हैं। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुशील गुर्जर ने कहा कि पीडब्लयूडी कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ है। विभाग उनका वेतन जल्द जारी करे। उन्होंने कहा कि नौ जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़चढ़ कर शामिल होंगे। इस अवसर पर पूर्व राज्य प्रधान कृष्ण शर्मा, जिला कैशियर ओमप्रकाश माटा, ब्रांच प्रधान सुरेश शर्मा, कैशियर रमेश पाल, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुशील गुर्जर, जिला सचिव सेवा राम बड़सर, अनुज राणा, संजय कुमार, कृष्ण कुमार, संदीप कुमार, मनीष कुमार व दलेल सिंह मौजूद रहे।