December 7, 2025
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पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय, करनाल की एनएसएस इकाई ने 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक अनुकरणीय एवं प्रेरणादायक आयोजन में सक्रिय सहभागिता निभाई। यह आयोजन जिला उपायुक्त के दिशा-निर्देशन और जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, करनाल के समन्वय से प्रातः 6:00 बजे अनाज मंडी, करनाल में आयोजित जिला स्तरीय सामूहिक योग सत्र के रूप में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर महाविद्यालय के 40 NSS स्वयंसेवकों ने पूरी ऊर्जा, उत्साह और अनुशासन के साथ सूर्य नमस्कार, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम एवं ध्यान जैसी योग क्रियाओं का अभ्यास किया।
कार्यक्रम स्थल पर लगी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारण में सबसे पहले भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का संदेश प्रस्तुत हुआ। उन्होंने युवाओं को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि योग केवल व्यायाम नहीं बल्कि भारत की प्राचीन विरासत है, जो आज पूरी दुनिया में स्वास्थ्य एवं संतुलन का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है, और यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की एक बड़ी उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री के पश्चात हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी एवं योगगुरु बाबा रामदेव जी के प्रेरणास्पद संदेश भी स्वयंसेवकों ने सुने, जिनमें योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संदेश दिया गया।

योगाभ्यास उपरांत स्वयंसेवक महाविद्यालय लौटे, जहाँ उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और प्रेरक पहल करते हुए पौधारोपण अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत कुल 25 औषधीय एवं छायादार पौधों का रोपण किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रेखा त्यागी स्वयं उपस्थित रहीं। उन्होंने NSS इकाई के कार्यक्रम अधिकारियों श्री राजेश कुमार एवं श्रीमती वंदना सैनी सहित सभी स्वयंसेवकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “योग केवल शरीर का व्यायाम नहीं, अपितु यह जीवन को अनुशासित, सशक्त और संतुलित बनाने की दिशा में एक मार्गदर्शक पथ है।”

उन्होंने स्वयंसेवकों को नियमित योग अपनाने एवं पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। यह आयोजन न केवल छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने वाला सिद्ध हुआ, बल्कि उनमें सामाजिक जिम्मेदारी, नेतृत्व क्षमता एवं पर्यावरणीय चेतना को भी मजबूती प्रदान करने वाला रहा।

 

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