करनाल/दीपाली धीमान : मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु तेग़ बहादुर जी, गुरु गोबिंद सिंह जी के बड़े साहिबज़ादे बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, छोटे साहिबज़ादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फ़तह सिंह व माता गूजरी व हज़ारों सिंहों को शहीद करने के बाद सोचा था कि अब गुरु गोबिंद सिंह डर कर उनकी अधीनता स्वीकार कर लेंगे लेकिन गुरु जी ने युद्ध जारी रखा और मुग़ल बादशाह को फ़ारसी भाषा में एक पत्र लिखा जिसे जफ़रनामा (फ़तह की चिट्ठी) कहा जाता है।
इतिहास गवाह है कि गुरु जी ने हिज निडरता से उस समय के क्रूर बादशाह औरंगजेब को उस पत्र में उसके लिए ग़लत कार्यों का एहसास करवाया उस से वाह गहरे सदमे में चला गया और बीमार होकर इस दुनिया से चला गया। गुरु तेग़ बहादुर जी की शहादत से औरंगज़ेब की मृत्यु तक के गौरवमयी सिख इतिहास पर आधारित नाटक जफ़रनामा का मंचन आगामी 22 दिसम्बर को करनाल के डॉ मंगल सेन ऑडिटोरियम में दोपहर बाद 2:30 बजे किया जा रहा है।
पंजाब रंग मंच कैलिफ़ोर्निया (अमेरिका) व सत्कार रंग मंच मोहाली के कलकारों द्वारा मंचित किए जाने वाले इस नाटक का लेखन व निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी व नाटक निर्देशक सुरिंदर सिंह धनोआ ने किया है। गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की अद्वितीय शहादत को समर्पित इस कार्यक्रम को इंटरनेशनल सिख फोरम व शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा मिलकर किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नू व गतका फेडरेशन के प्रधान गुरतेज़ सिंह खालसा ने प्रेस वार्ता में बताया कि आज की पीढ़ी अपने गौरवमयी इतिहास से दूर हो चुकी है।
उन्हें फिल्मी नायकों का तो पता है लेकिन उनके धर्म, देश और मानवता की रक्षा करने वाले महान गुरुओं व वीरों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने करनाल वासियों से अपने बच्चों सहित इस नाटक को देखने के लिए पहुंचने का निमंत्रण दिया और बताया कि प्रवेश बिल्कुल निशुल्क रखा गया है। इंटरनेशनल सिख फोरम की और से कुलवंत सिंह कलेर, जतिंदर सिंह, इकबाल सिंह ने भी करनाल वासियों से नाटक देखने का नयोता दिया और शहीदी सप्ताह ने अपने बच्चों को भी इतिहास का सजीव मंचन देखने के लिए लाने को कहा।