करनाल/कीर्ति कथूरिया : भगवान महावीर एक ऐसे महापुरुष थे जिनके सिद्धांत क्षेत्र तथा काल की सीमाओं को लांघकर मानवमात्र ही नहीं अपितु प्राणीमात्र के लिए उपयोगी हैं। भगवान महावीर एक ऐसे आध्यात्मिक सूर्य थे जिनकी ज्ञान रश्मियों ने अंधकार का नाश कर जीवन की सही दिशा दिखलाई।
भगवान महावीर का अहिंसावाद और अपरिग्रहवाद का सिद्धांत वर्तमान समय में आपसी संघर्ष तथा युद्ध की विभीषिका की आग में तपते संसार के लिए अत्यधिक आवश्यक शांतिप्रदायक है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण कल्याणक वर्ष के अंतर्गत उत्तर भारत के सर्वमान्य और सभी वर्गों के श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र तीर्थस्थल श्री आत्म मनोहर जैन आराधना मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में विशाल ऑडिटोरियम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महापुरुष समाज के प्रेरणास्रोत होने के कारण हर वर्ग के कल्याण तथा बहुमुखी हित को दृष्टिगत रखते हुए उपदेश देते हैं।
परमाणुवाद, हथियारों की बढ़ रही दौड़ तथा संग्रह की अनियंत्रित हवस की प्रधानता वाले इस भौतिकतावादी युग में भगवान महावीर के स्वर्णिम सिद्धांतों की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई है। महावीर की शिक्षाएं समाजवाद के बीज साथ में लिए कमजोर, साधनहीन तथा वंचित वर्ग को पर्याप्त अवसर देकर अग्रिम पंक्ति में खड़े लोगों के कंधे से कंधा मिलाने का अवसर देने के कारण विशेष रूप से लाभकारी है।
विकास के समान अवसर, महिला सशक्तिकरण, जातीय भेदभाव से रहित समरस समाज का सृजन, आपसी सौहार्द, सभी परंपराओं का समान रूप से सम्मान भगवान महावीर की अनमोल शिक्षाओं के चमकते सितारे हैं। उन्होंने श्री आत्म मनोहर जैन संस्थान समूह द्वारा कर्तृत्व क्षमता के धनी, स्वयं में ही संगठन के पर्याय भारत संत गौरव श्री पीयूष मुनि जी महाराज की सद्प्रेरणा एवं दिशानिर्देशन में संस्कारों से ओत-प्रोत आधुनिक सर्वउपयोगी शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में किया जा रहे भागीरथ प्रयासों की भूरि-भूरि सराहना की।
श्री आत्म मनोहर जैन चैरिटेबल हस्पताल के सभी सेवारत विभागों का स्वयं निरीक्षण कर योग्य, विशेष प्रशिक्षित, समर्पित चिकित्सकों एवं सहयोगी स्टाफ द्वारा मरीजों को बहुत उचित तथा औसत दामों पर बेहतरीन चिकित्सा उपलब्ध कराने के साथ आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्धता पर हस्पताल प्रबंधन को साधुवाद देते हुए उन्होंने इस सेवा संस्थान के शीर्ष पर पहुंचने की शुभकामनाएं दीं।
सर्व धर्म दिवाकर उपप्रवर्तक श्री पीयूष मुनि जी महाराज ने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाएं सारे समाज के कल्याण की चाबी हैं जिनसे सुख का द्वार खुलता है। प्राणीमात्र के सुख-दुख को अपने ही समान तराजू पर तोलने वाला किसी का अनिष्ट नहीं करता। साधनों की मर्यादा बांधने से अमीर-गरीब की खाई नहीं बढ़ती और समाज में शांति बनी रहती है।
सह-अस्तित्व का सिद्धांत सारे झगड़ों का समाधान स्वयं में समेटे है। अपने ही पक्ष के सही होने का दुराग्रह वैमनस्य पैदा करता है और भगवान महावीर का अनेकांतवाद का सुनहरा सिद्धांत दूसरों का आदर सुनिश्चित करता है। महापुरुष सूर्य, चंद्रमा तथा बादल की तरह सभी का कल्याण करते हैं। भगवान के निर्वाण का 2550 वर्ष बहुत अधिक महत्वपूर्ण प्रेरणादायक है।
श्री घंटाकर्ण महावीर दरबार का अनावरण श्री संदीप गर्ग (स्टालवार्ट अलॉयज, शाहबाद) ने किया। दीपशिखा का प्रज्ज्वलन श्री राजीव जैन (बी.एम. इंटरनेशनल, पानीपत) के कर कमलों से संपन्न हुआ।
स्वागताध्यक्ष का दायित्व श्री विनय जैन (हरियाणा ऑयल कॉरपोरेशन, घरौंडा) (प्रधान – जैन कॉन्फ्रेंस हरियाणा प्रांत) ने निभाया। विकास, पंचायत, सहकारिता मंत्री श्री महिपाल ढांडा, विधायक रामकुमार कश्यप, पूर्व मीडिया सलाहकार जगमोहन आनंद, पूर्व मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला, राई स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति श्री अशोक गुप्ता, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा.एस.के. मल्होत्रा,
डी ए वी कॉलेज के प्रिंसिपल डा. रामपाल सैनी, पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष आत्म प्रकाश मनचंदा, पूर्व डी जी पी बी.एस. संधु अनेक राजनीतिक नेतागण विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुनि अभिनव, साध्वी जागृति, मीना चौहान, रेनू सिंगला, संयोगिता गुप्ता, शिवम गुप्ता, वीरेंद्र जैन, पुष्पा गोयल ने अपने भजनों तथा विचारों से भगवान महावीर के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला।