करनाल/कीर्ति कथूरिया : प्राथमिक अतिथि अध्यापक कल्याण समिति से जुड़े अतिथि अध्यापक पूर्व जिला प्रधान नरेंद्र संधु की अध्यक्षता में फव्वारा पार्क में इक्टठा हुए। इसके बाद जिला सचिवालय में शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।
जेबीटी अतिथि अध्यापकों की नौकरी सरप्लस होने व सरकार द्वारा 2017 के जेबीटी अध्यापकों के 460 की भर्ती करके 1309 की ज्वाइनिंग करवाने पर विरोध जताया गया। सरकार नियमित करने का वादा पूरा करने की बजाए अतिथि अध्यापकों को बेघर करने का काम कर रही है।
नरेंद्र संधु ने कहा कि करनाल जिले में सरकार ने 460 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती की थी, लेकिन इनको स्थाई जिला देते समय विभाग की चूक के कारण करनाल जिले के सभी जेबीटी अतिथि अध्यापक सरप्लस हो गए हैं। इस कारण अतिथि अध्यापकों को नौकरी के लिए दूसरे जिलों में जाना पडेगा।
आचार संहिता लगने से पहले भी बार-बार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के संज्ञान में यह मामला लाया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। अतिथि अध्यापकों को नियमित अध्यापकों वाली कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है, जिसको लेकर वह जिले से बाहर जाकर अपनी सेवाए दे सकें।
मेडिकल सुविधा, एचआरए ग्रेचुएटी, एलटीसी व रिटायरमेंट के बाद कोई भी वित्तीय लाभ नहीं दिया जा रहा है। अतिथि अध्यापकों को मानसिक व आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। इस अवसर पर प्रदीप बतान, नरेंद्र संधू, जोगिंद्र मान, मदन लाल, प्रवेश, देवी दयाल, सुदेश पाल, विनोद, सुरजीत, मोहनलाल, सत्यवान, जगदीश, अमित शर्मा, सोहनलाल, सीमा ठाकुर, मीना, वीना, बलवान, सतीश शर्मा, राकेश राणा, प्रवीण शर्मा व प्रेम गोरसी आदि मौजूद रहे।