December 22, 2024
dcccc

करनाल/कीर्ति कथूरिया :  डीसी अनीश यादव ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में चिन्हित अपराधों की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि चिन्हित व जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए अभियोजना पक्ष और जांच अधिकारी की ओर से कोई कमी न रहे तथा ऐसे मामलो में गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहनी चाहिए।

डीसी अनीश यादव ने कहा कि जिला में चिन्हित अपराधों को लेकर हर मास बैठक कर मंथन किया जाता है, ताकि संगीन अपराधों में शामिल अपराधियों का हर हाल में सजा दिलवाई जा सके। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है, जिसमें एक न्याय प्रक्रिया से अपराधियों को सजा दी जाती है, यानि समझौता से अपराधियों को छोड़ देने का कोई कानून नहीं है।

इसलिए संगीन अपराधों में एफएसएल रिपोर्ट तथा न्यायालय में चालान दाखिल करने से पहले उसे अच्छी तरह देखने पर जोर दिया जाता है। संगीन अपराधों में शामिल व्यक्ति बरी न हो, इसे लेकर जांच अधिकारी और पब्लिक प्रोसिक्यूटर को केस की अच्छे से स्टडी करने के लिए कहा जाता है।

यही नहीं किसी भी अपराध से जुड़े गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जाता है, ताकि वह न्यायालय में जाकर बिना किसी भय के गवाही दे सके।

डीसी अनीश यादव ने बैठक में आपराधिक मामलों का स्टेटस जाना और जिन मुकदमों में अपराधी बरी हुए, उनको एग्जामिन किया। चिहिन्त व जघन्य अपराधों में, पुलिस अधीक्षक और जिला न्यायवादी को अधिक से अधिक वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ पीड़ित व चश्मदीद गवाहों की गवाही जल्द से जल्द करवाने के निर्देश दिए।

गम्भीर अपराधों के मामले में उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से कहा कि ऐसे केसों की अच्छे से सुपरवीजन बनी रहनी चाहिए। जिला न्यायवादी को गम्भीर अपराधों में अदालती मामलो की मॉनिटरिंग करने को कहा। उन्होंने चिहिन्त अपराधों के मामलों पर चर्चा की और उनका स्टेटस जाना।

जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने उपायुक्त को बताया कि सभी मामलो की उचित ढंग से पैरवी की जाती है। गवाहों को कहा जाता है कि वे निडरता से ब्यान दें, फिर भी कई मामले न्यायालय में जाकर प्रतिरोधी हो जाते हैं।

मीटिंग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार रोकने के लिए गठित एक्ट 1989, महिला एवं कमजोर वर्गों के साथ किए गए अत्याचार, पोक्सो एक्ट तथा भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलों की मॉनिटरिंग को लेकर भी चर्चा की गई।

क्या है चिन्हित अपराध
चिन्हित अपराध को लेकर हर जिला में गठित एक कमेटी के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट जाती है। ऐसे अपराध जिनसे जनता के दिलो-दिमाग में यह जानने की जिज्ञासा होती है कि इसमें अपराध करने वाले को सजा मिलेगी या नहीं और केस का फैसला होने के बाद उसके कारणों को जानने की भी जिज्ञासा रहती है।

इस बारे सरकार का मानना है कि ऐसे केसों में अपराधियों का सजा जरूर मिलनी चाहिए और बेगुनाह केस से बरी होने चाहिएं, लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है कि अपराधी केस की अच्छी तरह पैरवी न होने से बच निकलते हैं या बरी हो जाते हैं। ऐसे केसों पर मंथन करने के लिए हर माह जिला स्तर पर मीटिंग होती है।

बैठक में जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.