करनाल/कीर्ति कथूरिया : भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि हरियाणा में भाजपा के नौ साल खुशहाल नहीं रहे, बल्कि इस अवधि में किसानों का सबसे ज्यादा बुरा हाल हुआ है। मुख्यमंत्री नौ साल खुशहाल के झूठे दावे कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा का किसान, मजदूर व कमेरा वर्ग खुशहाल नहीं होगा, प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। खासतौर पर करनाल के अन्नदाता पूरी दुनिया का पेट भरने का काम करते हैं, लेकिन खेद की बात है कि सीएम सिटी और आसपास के क्षेत्रों के किसान सबसे ज्यादा परेशानियां झेल रहे हैं।
यमुना से लगते गांवों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ, अब तक सरकार ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया है। प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होने पर सरकार 10 से 15 हजार रुपए मुआवजा देने का दावा कर रही है, जबकि फतेहाबाद, सिरसा व जींद सहित कई जिलों के किसान लंबे अर्से से मुआवजे की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं।
बहादुर मेहला ने कहा कि बाढ़ के बाद खेतों में रेत जमा होने से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ, इसकी भरपाई भी सरकार ने नहीं की। गन्ने के रेट बढ़ाने की मांग को लेकर भी किसान सडक़ों पर हैं। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधित उद्योगों पशुपालन व मछलीपालन जैसे व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को आर्थिक तौर पर प्रोत्साहित करे।
प्रवक्ता बहादुर मेहला ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल किसानों के लिए परेशानी का सबब बना है। यह पोर्टल किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश है। भाकियू सर छोटूराम ने मांग की है कि किसानों को खुशहाल करने के लिए फसलों का लागत मूल्य कम किया जाए और एमएसपी बढ़ाई जाए।