December 22, 2024
page

करनाल/भव्या नारंग: उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि फसल अवशेष विशेषकर पराली को लेकर सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई गई हैं, जिनका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को नष्ट नहीं करते हुए किसानों को उनका समुचित प्रबंधन करना चाहिए। उन्होंने कहा तकनीक के इस युग में अब फसल अवशेष परेशानी ना होकर कमाई का साधन बनता जा रहा हैं और बहुत से किसान व लोग अब फसलों के अवशेष से लाखों रुपए भी कमा रहे हैं। तकनीक के माध्यम से फसलों के अवशेषों का कई प्रकार से प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाता है, तो ऐसे किसान के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए फसल अवशेष का प्रबंधन पहले काफी बड़ी परेशानी होती थी लेकिन अब सरकार द्वारा भी फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से ना केवल उस जमीन को नुकसान होता था बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता है।

डीसी ने कहा कि सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई योजनाएं चलाई और योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से फसल अवशेष प्रबंधन को बल मिला और आज कई लोग केवल फसल के अवशेषों से ही लाखों रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फसल कटाई के बाद फसल अवशेषों में कोई भी आगजनी की घटना ना करें। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आई-एसआईटीयू / ईएक्स-एसआईटीयू के लिए एक हजार रूपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.