करनाल/भव्या नारंग: भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी बड़ी वायुसेना तो है ही, इसे इसके शौर्य और पराक्रम के लिए भी विश्व भर में सम्मान की निगाह से देखा जाता है। विंग कमांडर सेवानिवृत्त नितिन कंवर और रेडियो ग्रामोदय के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह बात वायु सेना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में रेडियो श्रोताओं से संवाद में कही।
विंग कमांडर नितिन कंवर ने कहा कि भारतीय वायुसेना पाँच व्यक्तियों के साथ ही तत्कालीन इंग्लैंड सरकार की वायु सेना के रूप में अस्तित्व में आयी थी। उन्होंने भारतीय वायु सेना में अपने गौरव पूर्ण कार्यकाल की यादें साझा करते हुए नई पीढ़ी का आवाहन किया कि वे अपने सपनों को अपने पराक्रम के पंख देने के लिए भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनने के लिए आगे आए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने याद कराया की स्वाधीनता के तुरंत बाद जब पाकिस्तानी सेना कबाइलियों के भेष में कश्मीर को क़ब्ज़ाने के लिए भारत में घुस आयी थी तो वायु सेना ने भी उन्हें खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। स्वाधीन भारत में जितने भी युद्ध देश पर थोपे गए थे उन सब में वायुसेना ने अपने कौशल और पराक्रम से सब को चमत्कृत किया। इनमें कारगिल का वे संघर्ष भी शामिल है जब ऊँची चोटियों पर चोरी छिपे जा बैठे घुसपैठियों को मार भगाना एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सैन्य बलों के सामने था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए चन्द्रशेखर पाराशर ने भारतीय वायुसेना के इतिहास से जुड़े कई तथ्य साझा किए। इस कार्यक्रम में असंध विधानसभा क्षेत्र के चोचड़ा गाँव से जुड़े रोहतास शर्मा ने अपने गाँव की अच्छी बातें गिनवाई। साथ ही वहाँ पानी की निकासी को एक बड़ी चुनौती क़रार दिया। डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वे जल्द ही गाँव का दौरा करेंगे व इस समस्या को बारीकी से समझते हुए जनस्वास्थ्य और पंचायती राज विभाग से इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए कहेंगे। कार्यक्रम के अंत में रेडियो ग्रामोदय के प्रभारी व शुभम राणा ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया।