November 16, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया : एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लेकर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डीजी सेट के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

सीएक्यूएम ने निर्देश दिए है कि डीजी सेट के नए नियम पूरे एनसीआर क्षेत्र में 1 अक्तूबर 2023 से सख्ती से लागू होंगे और दोहरी ईंधन किट या ईसीडी का रेट्रो फिटमेंट जहां भी आवश्यक हो 30 सितम्बर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

ऐसा न होने पर पूरे एनसीआर में किसी भी परिस्थिति में डीजल जेन सेट के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले जीआरएपी के तहत प्रबंधन की अवधियों के दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए डीजी सेट की अनुमति दी गई थी। इसलिए अस्पतालों, आवासीय कार्यालय परिसरों, वाणिज्य संस्थानों आदि को इस मामले पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

एनसीआर में डीजी सेट का उपयोग करने वाले सभी हितधारकों को 30 सितम्बर 2023 से पहले सीएक्यूएम के उपरोक्त निर्देशों की अनुपालना करनी होगी। अन्यथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
यह जानकारी उपायुक्त अनीश यादव ने लघु सचिवालय के सभागार में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से आयोजित बैठक में दी।

बैठक में सीएक्यूएम डायरेक्शन का कार्यान्वयन, जीआरएपी दिशा संख्या 75, सीएक्यूएम डायरेक्शन रेग जेनरेटर सेट का कार्यान्वयन, पर्यावरण क्षतिपूर्ति निधि का उपयोग, निर्माण से संबंधित सभी विभागों एवं इकाइयों द्वारा डस्ट पोर्टल का क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि आगामी एक अक्तूबर से ग्रेप नियमों की कड़ाई से पालना करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं जरनेटर सेट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग किया जाए, जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सडक़ों पर उडऩे वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संंबंधित विभागों द्वारा एंटी समाक गन को उपयोग में लाया जाए, साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों के अनुसार हमें किसी भी हाल में प्रदूषण होने से रोकना होगा। प्रदूषण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिला को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से वन विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारी भी पौधारोपण के निर्धारित लक्ष्य को हरसंभव पूरा करें ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके।

धूल व मलबे के निस्पादन हेतु यंत्र खरीदने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पर्याप्त फंड उपलब्ध

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिले में धूल व मलबे के निस्पादन करने के लिए नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारी यंत्र खरीदने हेतु प्रस्ताव तैयार करके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास भेजना सुनिश्चित करें, बोर्ड के पास पर्याप्त मात्रा में फंड उपलब्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि मलबे के निस्पादन के लिए जगह की पहचान करें तथा तहां पर वाहनों की कमी है वहां पर पर्याप्त मात्रा में वाहन की व्यवस्था करवाएं।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सडक़ बनाते समय, सडक़ पर पानी का छिडक़ाव करवाते रहें।

बैठक में एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा, एएसपी पुष्पा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा, एसडीओ हार्दिक, आईएमए के प्रेजीडेंट डॉ. नवीन गुप्ता तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन कंपनियों, रेजिडेंशियल वेल्फेयर एसोसिएशन, चावल औद्योगिक संघ, एचएसआईआईडीसी औद्योगिक संघ, कृषि कार्यान्वयन संघ, निर्माण परियोजनाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे।

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