करनाल/भव्या नारंग: उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में पंरपरागत कौशल कलाओं को प्रोत्सहन देने के लिए शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना से दस्ताकारों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। इस योजना के लागू होने से श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली सहायता में भी वृद्घि हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए कारीगर को पहले pmvishwakarma.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम-विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। इस योजना से गांवों और शहरों के उन कुशल कारीगरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो अपने हाथों से काम करके अपना जीवनयापन करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुथार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडिया व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है। इस योजना में विभिन्न व्यावसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना में कारीगर को पहले pmvishwakarma.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के बाद इन कारीगरों की जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं ट्रेनिंग में हर रोज 500 रूपए का स्टाइफंड दिया जाएगा।