December 22, 2024
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करनाल/कीर्ति कथूरिया : आज ट्रांस हरियाणा ग्रीन फील्ड परियोजना के तहत नैशनल हाईवे 152-डी में अधिग्रहण किए गये जिला करनाल ब्लाक असंध के 9 गांव के लोगों ने करनाल सचिवालय पहुंच कर भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन के बैनर पर प्रदर्शन कर एस.डी. एम. करनाल को उपायुक्त करनाल के नाम मांग-पत्र सौंपा।

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र आर्य दादूपुर ने कहा कि नैशनल हाईवे 152-डी के लिए प्रदेश के 9 जिलों की खेती लायक उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसके मुआवजा बढवाने के लिए किसानों ने 10 स्थानों पर धरने लगा रखे थे।

जिला करनाल के गांवों गंगाटेहड़ी, पोपड़ा, जौलीखेड़ा, बाहरी, थल, खेड़ीशर्फअली, बिलौना, बस्सी, राहड़ा के किसान गंगाटेहड़ी अड्डे पर तीन महीने तक धरने पर बैठ रहे। किसानो का एक प्रतिनिधि मण्डल किसान नेता राजेन्द्र आर्य दादुपुर के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिला था।

किसानों ने मुआवजा बढ़ाए जाने की व सभी जिलों का मुआवजा चरखीदादरी के बराबर करने की बात पर आन्दोलन वापिस ले लिया था। किसानों को कहा गया कि एनएच एक्ट के अनुसार आरबीट्रेटर एक साल के अन्दर में फैसला देने के लिए बाध्य है। क्योंकि किसानों के पास कोर्ट का रास्ता नहीं था तो सभी किसानों ने कमीश्रर के पास अपने केस लगाए जोकि आरबीट्रेटर नियुक्त किए गए थे।

सरकार ने एक नया नोटिफिकेशन जारी करके सभी केसो को सम्बन्धित उपायुक्तों को ट्रास्फर कर दिया। जनवरी 2019 से अब किसानों के केसों को पांचवा साल हो गया है। अब तक कोई फैसला नहीं आया है।

किसान नेता राजेन्द्र आर्य दादुपुर ने कहा कि 3 काले कृषि कानूनो में भी किसानों के कोर्ट में जाने पर मनाही थी। जब कि सरकार द्वारा बनाए गए सभी अथोरिटी, ट्रिब्यूनल, आरबीट्रेटर फैसला लेने में बहुत ज्यादा समय ले रहे हैं। एनएच एक्ट के मुताबिक डीसी के निर्णय के खिलाफ किसान सैशन कोर्ट तो जा सकते हैं परन्तु सैशन कोर्ट को मुआवजा बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है, कोर्ट सिर्फ उपायुक्त को कोई कानूनी जानकारी दे सकते हैं।

इस लम्बी लड़ाई के बावजूद किसान सरकार की ओर मदद की आस से देख रहे हैं। क्योंकि फैसला लेने वाले डीसी न्यायालय से न हो कर सरकार के आदेशों पर कार्य करते हैं। किसानों को पहले 52 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिला था, 9 गांव के किसानों की मांग है कि उपायुक्त करनाल 48 लाख रुपये प्रति एकड़ बढ़ा कर कुल मुआवजा 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ करें।

इस अवसर पर स. जगदीश झिण्डा, मास्टर मनी राम शर्मा बाहरी, शुगन चन्द पोपड़ा, चन्दा सिंह गंगाटेहड़ी, सुरेश जौली खेड़ा, गुरदीप थल, जसवन्त सिंह खेड़ीसर्फअली, बुग्गा बिलौना, नरेश राणा राहडा, कर्ण सिंह बस्सी आदि उपस्थित रहे।

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