(कमल मिढा) करनाल जी टी रोड़ पर एक शो के बाद दिल्ली से पंजाब लौटते वक्त मशहूर सिंगर मास्टर सलीम की ओर्केस्ट्रा वैन का नीलोखेड़ी के निकट पंजाबी ढाबे के सामने एक ट्रक से एक्सीडेंट हो गया ! टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैवलर का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रसत हो गया ! वैन का ड्राइवर बुरी तरह से घायल हो गया, वही टीम के अन्य तीन लोगों को भी चोटे आई है ! वही एक बार फिर से करनाल हाईवे पर निजी हस्पताल के मरीजों को अपने हॉस्पिटल में ले जाने के बारे में भी हम आपको बता दे की मौके पर सरकारी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस के पहुँचने से पहले ही पहुँच जाती है
जी टी रोड़ पर बने पार्क हॉस्पिटल की एम्बुलेंस ,इस हुए हादसे में सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सरकारी हॉस्पिटल नहीं ले जाया गया बल्कि घायलों का ईलाज सी एच डी सिटी सिटी में स्तीथ एक निजी बड़े हॉस्पिटल में हुआ जो साफ़ तौर पर कमीशनखोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करता है जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ हाईवे पुलिस के कुछ कर्मचारी ,सरकारी हॉस्पिटल के कर्मचारी भी शामिल होते है !
वही दुर्घटना की जानकारी मिलते ही मास्टर सलीम दिल्ली से करनाल के पार्क हॉस्पिटल पहुँचे और अपनी टीम का हाल चाल जाना ! मास्टर सलीम को देख वहाँ खड़े उनके फैंस उनके साथ सेल्फियां लेने लगे !
हम आपको बता दे की कुछ दिन पहले भी एक गंभीर बात सामने आई थी कि राष्ट्रीय मार्ग एक पर दुर्घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम और हाइवे पुलिस को जाती है ! परतुं दुर्घटना स्थल पर सरकारी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस की बजाय निजी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस पहुँचती है, आखिर करनाल का 650 करोड़ से बना कल्पना चावला हॉस्पिटल सीरियस रूप से घायल लोगो को सस्ता व बढ़िया इलाज़ देने में असक्षम साबित हो रहा है
या फिर कही कमिशन का मोटा खेल खेला जा रहा है ! घायल व्यक्ति के रेट पहले से तय हो जाते है, मिली जानकारी के अनुसार घायल व्यक्ति के बिल का मोटा कमीशन मरीज को हॉस्पिटल तक पहुँचाने वाले को और उसकी मदद करने वालों को भी मिलता है !
पिछले दिनों हमारी खबर के मामले पर संज्ञान लेते हुए आई जी हाईवे एंड ट्रैफिक ने निजी हॉस्पिटल की एम्बुलेन्स को हाईवे पर खड़ा करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही थी ! उन्होंने यह भी कहा था कि अब से एन एच ए आई और यातायात पुलिस की एम्बुलेंस ही तैनात रहेगी, लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल कानून को अपने हाथों की कठपुतली समझते है
हम मानते है कि घायल को समय रहते इलाज़ मिलना चाहिए किन्तु इसकी आड़ में कुछ शातिर हॉस्पिटल घायलो का मोटा बिल बना उनकी खाल उधेड़ रहे है ! यह एक पूरी तरह से संगठित क्राइम है जिसमें प्राइवेट लोगो के साथ साथ सरकारी कर्मचारियों के लिप्त होने कि बात से इनकार नहीं किया जा सकता !