November 15, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया : बरसाती मौसम के शुरू होने से पहले ही बरसात के पानी के संचय के लिए जिला में फार्म पोंड, अमृत सरोवर तथा मनरेगा के तहत तालाबों के नवीनीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इसको लेकर तालाब व अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य तेजिन्द्र सिंह तेजी ने वीरवार को खंड इन्द्री के बुटानखेडी, सरवन माजरा, भादसो व जनेसरों आदि गांवों का दौरा करके तालाबों के कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया और अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य करने के लिए निर्देश दिए।

तालाब व अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य तेजिन्द्र सिंह तेजी ने मौके पर उपस्थित पंचायती राज के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बरसाती मौसम के शुरू होने से पहले अपने-अपने गांव में बनाये जा रहे फार्म पौंड, अमृत सरोवर तथा मनरेगा के तहत तालाबों के नवीनीकरण कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करवाएं ताकि बरसाती पानी का तालाबों में संचय हो सके और जरूरत के समय इसे कृषि कार्य में प्रयोग लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाए विशेष तौर से गर्मी के सीजन में पीने के पानी की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था होनी चाहिए।

तेजिन्द्र सिंह तेजी ने अधिकारियों को कहा कि वे तालाबों के नवीनीकरण के कार्य का बेहतरीन तरीके से एक्शन प्लान तैयार करे और नक्शा बनाकर रखे ताकि तकनीकी तौर पर तालाब की गहराई, चौड़ाई तथा खुदाई के बारे में पूरी जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि फार्म पौंड ऐसे स्थान पर बनाये, जहां पर पानी का बहाव अधिक हो और खेत का लेवल गहराई में हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फार्म पौंड, अमृत सरोवर तथा मनरेगा के तहत विकसित किये जा रहे तालाबों के चारों ओर पौधारोपण भी अवश्य करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा लोगों के घूमने फिरने व बैठने के लिए सुंदर व्यवस्था करें।

इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों एवं पंच-सरपंचों सहित अन्य ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने गांवों के तालाबों के आसपास साफ-सफाई का उचित प्रबंध रखें ताकि तालाबों के पानी को गन्दा होने से बचाया जा सकें और इसके साथ-साथ तालाबों की सुन्दरता भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि तालाब हमारी प्राचीन धरोहर है और हमारी संस्कृति का प्रतीक भी माना गया इसलिए इसकी देखभाल करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने बताया कि इस प्राचीन धरोहर को बचाने के लिए प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तालाब प्राधिकरण का गठन किया है, इस प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेश के लगभग 18 हजार तालाबों का जीर्णोद्धार होगा।

तालाब प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रहे तालाबों पर वेटलैंड तकनीक के जरिये घरों से निकलने वाले ग्रे वाटर को उपचारित कर उसे सिंचाई में प्रयोग होने योग्य बनाया जाता है। इसी के साथ-साथ तालाबों पर सूक्ष्म सिंचाई के लिए सोलर वाटर पंप भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन तालाबों के विकसित होने से जहां ओवरफ्लो होने की समस्या से निजात मिलेगी वहीं बरसात के समय में भी बरसाती पानी एक जगह इकठ्ठा हो जाएगा। इससे पानी की समस्या के समाधान के साथ-साथ भूमिगत जल का स्तर भी ऊंचा उठेगा।

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