करनाल/कीर्ति कथूरिया : जीबीपीएस भक्तवृन्द करनाल की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में जीबीपीएस ट्रस्ट वृन्दावन के संस्थापक अध्यक्ष कृष्णतत्त्ववेत्ता श्री तेजस्वी दास जी ने आज श्रीमद्भागवत कथा में बताया यह मनुष्य शरीर सुदुर्लभ है। यह परमार्थ यानि परम तत्त्व की प्राप्ति करवाने वाला है।
यद्यपि यह मनुष्य शरीर है तो नश्वर है; जैसे पशु, पक्षी, कीट, पतंगें इत्यादि मरते हैं वैसे ही मनुष्यों को भी मरना पड़ता है, किन्तु इसके द्वारा परम पुरुषार्थ की प्राप्ति हो सकती है। परमार्थ का अर्थ है परम हित। जीव का परम हित श्रीकृष्ण प्रेम प्राप्त करना। 80 लाख शरीरों के बाद यह मनुष्य का शरीर मिला है।
बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए कि इस दुर्लभ मनुष्य शरीर को पाकर मनुष्य को भगवद्प्रेम प्राप्ति का प्रयत्न करना चाहिए। भगवद्प्रेम मिलेगा भगवान् की भक्ति करने से। भक्ति मिलेगी सत्संग से।सत्संग जीव को जन्म-मरण से पार कर देता है, भवबंधन से पार कर देता है।
सत्संग से दैत्य, गंधर्व, नाग, अप्सराएं, पशु, पक्षी, मनुष्य सभी का उद्धार संभव है। हरि सत्संग की इतनी अगाध महिमा शास्त्रों में बताई गई है कि सत्संग से मोक्ष से भी बढक़र भगवद्प्रेम भी मिल जाता है। कथा के दौरान मधुर भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे।
कथा में करनाल शहर की मेयर रेणु बाला, मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला, सीनियर डिप्टी मेयर राजेश अग्घी, मुकेश सिंगला, मुकेश गर्ग, मनोज गोयल, प्रतीक गर्ग, प्रमोद नागपाल, सुरेश गर्ग आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।