करनाल/कीर्ति कथूरिया : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल के द्वारा एडीआर सेंटर, करनाल के कॉन्फ्रेंस हॉल में विभिन्न हितधारकों के साथ नालसा दिशानिर्देशों के अनुसार पैरा 8.2, (3द्ब) और (3) बाल श्रम के बचाव और पुनर्वास की प्रक्रिया के मद्देनजर बाल श्रम के खिलाफ कानूनों के कार्यान्वयन के बारे में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
उक्त संगोष्ठी में श्रम विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, बाल देखभाल संस्थाओं अर्थात श्रद्धानंद अनाथालय एमडीडी ऑफ इंडिया, हरियाणा राज्य बाल भवन, माता प्रकाश कौर भाषण और श्रवण कल्याण केंद्र, प्रबंधक, ब्रेकथ्रू एनजीओ, पुलिस विभाग के एसएचओ/आईओ, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्य, बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड हेल्पलाइन और कोर कमेटी के सदस्यके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सीजेएम सुश्री जसबीर कौर ने बताया कि प्रतिभागियों को संवेदनशील बनाया गया कि देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों और कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को कानूनी सेवाएं प्रदान करते समय प्रत्येक बच्चे को अपने सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता देने का अधिकार है अन्य सभी विचारों की परवाह किए बिना बच्चों का कल्याण हमेशा पहले आना चाहिए। बच्चे के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप और सहायता उपलब्ध होनी चाहिए। और सम्मान और करुणा के साथ व्यवहार करने का अधिकार है और इसका मूल्य सम्मान और सुरक्षा है और कोई भेदभाव नहीं है और बच्चे की जाति, धर्म, विश्वास, आयु, पारिवारिक स्थिति के बावजूद किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना व्यवहार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक बच्चे को सूचित किए जाने का अधिकार, सुनने का अधिकार और स्वतंत्र रूप से विचार और चिंताओं को व्यक्त करने का अधिकार है, सभी चरणों में सुरक्षा और उसे किसी भी नुकसान, दुर्व्यवहार या उपेक्षा आदि के अधीन नहीं किया जाएगा और बच्चे की निजता की रक्षा की जाएगी सभी स्तरों पर कानूनी सेवा संस्थान।
अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने प्रतिभागियों से बातचीत करते हुए बाल एवं किशोर श्रमिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
एमडीडी द्वारा यह भी बताया गया कि उन स्थानों/उद्योगों/ईंट भट्ठों की जांच के लिए एक टीम पहले ही गठित की जा चुकी है जहां बाल श्रम, बल श्रम, बंधन और आधुनिक गुलामी के अन्य रूपों की संभावनाएं हैं। पुलिस विभाग को यह भी आश्वासन दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाल श्रम से संबंधित मुद्दों का मसौदा तैयार करने और उन्हें तैयार करने में कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों के साथ समन्वय करेगा।
उन्होंने आगे खुलासा किया कि बचपन बचाओ आंदोलन 1 जून से 30 जून, 2023 बाल और किशोर श्रम के खिलाफ कार्रवाई माह का निरीक्षण करने का प्रस्ताव कर रहा है और उसी यानी पुलिस विभाग को विभिन्न हितधारकों यानी पुलिस विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, कानूनी विभाग के साथ साझेदारी में शुरू किया जाएगा। करनाल जिले में बाल श्रमिकों को छुड़ाने के लिए सेवा प्राधिकरण एवं श्रम विभाग तथा उपरोक्त विभागों द्वारा संयुक्त बचाव अभियान चलाया जाता है।