करनाल/कीर्ति कथूरिया : किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगर शिद्दत से मेहनत की जाए तो उसका परिणाम ऐतिहासिक होता है। कुछ इसी तरह का परिणाम दयाल सिंह कॉलेज, करनाल में भी देखने को मिला। दयाल सिंह कॉलेज की प्राचार्या, शिक्षक, ग़ैर शिक्षक कर्मचारी एवं समस्त छात्र- छात्राओं द्वारा तीसरे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यांकन परिषद ( नैक) में बेहतर ग्रेड हासिल करने के लिए जिस तरीके से प्रयास किए गए थे, उन्हीं प्रयास को देखते हुए नैक पियर टीम द्वारा कॉलेज को A+(ए प्लस) ग्रेड प्रदान किया। जोकि कॉलेज के लिए ऐतिहासिक है।
कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डी.के. रैना और जनरल सक्रेटेरी वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्या डॉ. आशिमा गक्खड़, आई क्यू ए सी के संयोजक प्रो सुशील गोयल और कॉलेज नैक के प्रभारी प्रो संजय शर्मा और समस्त कॉलेज स्टाफ सदस्यों का इस उपलब्धि के लिए उत्साहवर्धन किया।
संस्थान को पिछली दो बार 2004 व 2017 ‘ए’ ग्रेड हासिल हुआ था। इस बार तीसरे मूल्यांकन में संस्थान ने अपनी ग्रेडिंग में 3.43 सीजीपीए हासिल कर ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किया।राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यांकन परिषद (नैक) की तीन सदस्यीय टीम जिसकी अध्यक्षा डॉ गीतांजलि दास कुलपति, बेरहामपुर विश्वविद्यालय, उड़ीसा, डॉ. सुधीर वारकर टीम संयोजक दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय, दिल्ली और डॉ. टी. पी. रेणुका मूर्ति विश्वेश्वर तकनीकी विश्वविद्यालय पी. जी. सेंटर, मैसूर, कर्नाटक की टीम ने 10-11 मई 2023 को कॉलेज का निरीक्षण किया था। आज 19.05.2023 को नैक द्वारा घोषित परिणाम में कॉलेज को ‘ए’ प्लस ग्रेड प्राप्त होने से कॉलेज में ख़ुशी का माहौल रहा।
दयाल सिंह कॉलेज का इतिहास 113 साल पुराना है। हरियाणा के सबसे प्राचीन व प्रतिष्ठित इस कॉलेज में 3200 विद्यार्थी, 220 शिक्षक व ग़ैर शिक्षक सदस्य, आधुनिक लैब व 16 विभागों के साथ स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई करवाई जा रही है। दयाल सिंह कॉलेज ने नैक से मिले ग्रेड के आधार पर ही शैक्षणिक संस्था की गुणवत्ता का पता चलता है।अच्छे ग्रेड़ से देशभर में एक नई पहचान मिलती है।अच्छे ग्रेड़ से गुणवत्ता परक शिक्षा, सुविधा संसाधन और फैकल्टी में बढ़ावा मिलने के साथ- साथ शिक्षण संस्थान में सुविधाओं के विस्तार के लिए यूजीसी अलग से अनुदान प्रदान करता है।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. आशिमा गक्खड़ ने बताया कि कॉलेज को यह अंक केरीकूलर आस्पेक्ट्स में 355, टीचिंग लर्निग एंड इवेल्यूएशन में 1212 , रिसर्च इनोवेशन्स एंड एक्सटेंशन में 290 , इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिर्सोसेस में 350, स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन में 540 , गवर्नेंस लीडरशिप एंड मेनेजमेंट में 341 और इंस्टीट्यूशनल वेल्यूस एंड बेस्ट प्रेक्टिसेस में 340 अंक प्राप्त प्राप्त हुए हैं।
कॉलेज द्वारा सुदृढ़ आधारभूत संरचना का निर्माण हेतु ऑनलाइन व ऑफ़लाइन कक्षाएँ , विस्तृत पुस्तकालय के साथ ई-लाइब्रेरी, जनभागीदारी समिति का सशक्तिकरण, पूर्व छात्र परिषदों की सहभागिता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ई-कंटेट का निर्माण, शिक्षकों का गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण, सेमिनार -कॉन्फ्रेंस, शोध-पत्रों और किताबों का प्रकाशन, विचार गोष्ठी के साथ रोजगार और स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण और रोज़गार मेले का आयोजन किया जाता है। साथ ही कॉलेज में विद्यार्थियों के नैतिक मूल्यों के विकास के लिए सराहनीय गतिविधियाँ प्रायोजित करवाई जाती हैं
कॉलेज प्राचार्या डॉ आशिमा गक्खड़ ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए बताया कि नैक ग्रेडिंग के जरिए शिक्षण संस्थानों की सही जानकारी विद्यार्थियों को मिलती है। जिससे उनको अपने लिए बेहतर कॉलेज चुनने में मदद मिलती है। नैक से कॉलेजों का मूल्यांकन जरूरी है। इसके बिना कोई भी कॉलेज सरकारी मदद नहीं पा सकता है। छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और आधारभूत संरचना जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है। नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अपने लिए बेहतर कॉलेज तलाश कर सकते हैं। इतना ही नहीं, नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गई डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते हैं।