November 14, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया : बुद्धा कॉलेज ऑफ एजूकेशन रम्बा करनाल में बी.एड. के छात्रों द्वारा सामारोह ‘गूंजते लम्हे’ का आयोजन किया गया। बुद्धा ग्रुप के निदेशक नितेश गुप्ता, कॉलेज के प्राचार्य डा. मौ. रिजवान, विभागाध्यक्षा ‘प्रीति गुणवाल’ तथा अन्य अध्यापकों द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया।

इस समारोह में सभी विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम में , गीत,, रेम्प वॉक, एकल डांस प्रतियोगिता, सामूहिक डांस का आयोजन किया गया। गीत-संगीत, हरियाणी व पंजाबी नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने विदाई के इस भावुक पलों में भी समा बांध दिया। विद्यार्थियों ने कॉलेज में प्राप्त अपने अनुभवों को पी. पी. टी. के माध्यम से सांझा किया तथा साथ ही एक अच्छा अध्यापक बनने का संकल्प भी लिया।

ताकि आने वाले समय में संस्कार युक्त नागरिक व कर्तव्यनिष्ठ नागरिक समाज व देश को मिल सके। इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों ने समाज व देश के उत्थान के लिए ईमानदारी व पुरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने शिक्षण व्यवसाय के लिए कार्य करने का संकल्प दोहराया। इस ‘गूंजते लम्हे’ विदाई सामारोह कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया ।

जिसमें मि. फेयरवेल का अवार्ड बी.एड. के रविंदर तथा मिस फेयरवेल का सिमरन ने प्राप्त किया। इसके साथ साथ बेस्ट स्टुडेन्ट का आवार्ड बी.एड की दीक्षा को दिया गया। बैलेंस पर्सनालिटी का अवार्ड वंदना को दिया गया और एक्स्ट्रा करिकुलर अवार्ड सिमरन, मोस्ट एकिटव मिस शालू, राइजिंग स्टार का प्रतिभा को, मोस्ट डिसिप्लिन अवार्ड साक्षी, एक्सीलेंस अवॉर्ड्स प्रदीप और साक्षी को दिया गया।

इस अवसर पर भावी शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कालेज निदेशक नितेश गुप्ता जी ने कहा कि आज के समय में समाज को अच्छे अध्यापकों की आवश्यकता है जो समाज को नई दिशा देने में अपनी अहम् भूमिका निभा सकें। अध्यापकों को हमेशा आदर्शवादी एवं सकारात्मक सोच वाला होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर डा. मौ. रिजवान ने कहा कि हमें उन शैक्षिक मूल्यों को कायम रखना है जिन पर हमारी संस्कृति और सभ्यता ने विकास किया है। माता पिता द्वारा बच्चों को आरम्भ से ही अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि माताएं आदर्श शिक्षक होती हैं। घर से दी जाने वाली अनौपचारिक शिक्षा एवं संस्कार सर्वाधिक प्रभावी व प्राकृतिक होते हैं।

इस अवसर पर विभागाध्यक्षा डॉ प्रीति गुणवाल ने कहा कि अध्यापक प्रशिक्षण आधुनिक समय की मांग है और प्रत्येक अध्यापक को इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वह विद्यार्थियों के मनोविज्ञान को समझते हुए उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकें। अच्छी शिक्षा ही समाज में फैली हुई सभी प्रकार की बुराईयों एवं अंधविश्वासों को जड़ से मिटा सकती है। हमारा समाज किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए अध्यापकों से ही आशा करता है। इस अवसर पर कॉलेज के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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