करनाल/समृद्धि पाराशर: सहकारी समितियों में किसानों को ब्याज रहित लोन दिया जाता था। अब सरकार ने पत्र जारी कर सात प्रतिशत ब्याज लगाने का एलान कर दिया है। इस पर भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम ने विरोध जताया है।
भाकियू सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि सरकार का निर्णय किसान विरोधी है। किसानों कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। कर्ज माफ करने की बजाए सरकार ने पैक्स में दिए जाने वाले एमसीएल पर सात प्रतिशत ब्याज लगाने का पत्र जारी कर दिया।
उन्होंने कहा कि गेहूं के इस सीजन में किसानों को प्राकृतिक मार झेलनी पड़ी है। हजारों क्विंटल गेहूं बर्बाद हो गया। जो गेहूं बिका है, उसका मूल्य बहुत कम मिला है और खेद की बात है कि भुगतान भी समय पर नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में एमसीएल पर ब्याज लगाकर सरकार ने एक बार फिर किसानों की जेब खाली करने वाला एलान किया है। भाकियू सर छोटूराम मांग करती है कि सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले। किसानों को ठगने का काम न किया जाए। सरकार फैसला वापस नहीं लेती तो भाकियू सडक़ों पर उतरने को मजबूर होगी।