करनाल/समृद्धि पाराशर: अंबेडकर समाज कल्याण सभा ने अंबेडकर जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में अंबेडकर भवन सेक्टर 16 में कार्यक्रम का आयोजन किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत उपनिदेशक शिक्षा विभाग सरोज बाला गुर ने शिरकत की।
उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर ने महिला उत्थान के लिए बहुत कार्य किए। महिलाओं को बराबरी का मताधिकार, समान वेतन, प्रसुति के समय मेटरनिटी लीव आदि का प्रावधान डा. अंबेडकर ने किया। उन्होंने कहा कि किसी समाज की उन्नति उस समाज में महिलाओं की स्थिति जानने से होती है।
हमारे समाज में महिलाओं की स्थिति अधिक खराब है। पिछड़ापन, अशिक्षा व असमानता के कारण दलित समाज की महिलाएं शिक्षा से वंचित रह जाती हैं तथा पुरुषों के शोषण का शिकार होती हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए डा. रामजीलाल पूर्व प्राचार्य दयाल सिंह कालेज ने कहा कि वह प्रधान अमर सिंह पातलान का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने यह समारोह महिलाओं को समर्पित किया।
उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर कहते थे किसी भी समाज की उन्नति उस समाज में महिलाओं की स्थिति से आंकी जाती है। हरियाणा सहित 20 प्रदेशों में हमारे देश में महिलाओं का पंचायतों में आरक्षण लागू है, लेकिन सरपंची अधिकतर पुरुष करते हैं। महिला को किस पार्टी को वोट देना है उसके पुरुष सदस्य तय करते हैं। हमारे देश में पिछड़ापन के कारण महिलाओं का अत्याधिक शोषण होता है।
यहां बराबरी दिखावा है। इस कारण यहां सबसे अधिक बलात्कार व महिलाओं का शोषण होता है। सुदर्शन पातलान एडवोकेट ने डा. अंबेडकर द्वारा दिया गया अपनी गरीब समाज को अंतिम संदेश पर पढ़ कर सुनाया। सभा के प्रधान अमर सिंह पातलान ने मंच संचालन किया।
अंबेडकर भवन की प्रगति बारे विस्तार से बताया। रीतू पौरिया व सोनिया प्रकाश ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। सुदेश पातलान व अरूणा मानखड़ ने मुख्य अतिथि को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सुनीता ब्रह्मदत्त, शीला व इंदिरा ने समारोह में विशिष्ट अतिथि कौशल्या कैत का फूल माला से स्वागत किया।
सुनीता नरवाल व सुषमा ने मोमेंटो दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरोज गुर ने प्रोफेसर दिनेश दयाल सिंह कालेज करनाल द्वारा डा अंबेडकर पर अंग्रेजी में लिखी पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर दिनेश को पुस्तक लिखने तथा मुकेश धानिया मास्टर को एथलीट में गोल्ड मेडल जीतने पर अंबेडकर रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। एनडीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डा. धु्रव मालाकर ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।