हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले अतिथि अध्यापकों ने रोजगार को नियमित करवाने के लिए लघु सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन पड़ाव डाला हुआ है। गुरुवार को 30वें दिन भी अध्यापक धरने पर डटे रहे। कैथल ब्लाक से
रमेश की अध्यक्षता में भूपेंद्र, गगन, संजय कुमार व नरेश कुमार धरने पर बैठे। इस मौके पर जिला प्रधान राजकुमार ने कहा कि एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी सत्ता हथियाने के लिए इतना ओच्छा घोषणा पत्र भी तैयार कर सकती है,
ऐसा हरियाणा प्रदेश के अतिथि अध्यापकों ने कभी सोचा नहीं था। मुख्यमंत्री चुनाव से पूर्व कम्पेनिंग कमेटी के चेयरमैन थे तथा उस समय उन्होंने जो घोषणा पत्र तैयार किया तब अतिथि अध्यापकों को नियमित करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं दिखाई दी। करनाल विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक अतिथि अध्यापक ने कड़ी मेहनत करके विजयी दिलाई। सीएम हर रैली में अपने घोषणा पत्र का जिक्र भी करते थे। कहते थे कि सरकार बनते ही पहली कलम से अतिथि अध्यापकों
को नियमित किया जाएगा।
पूर्व प्रधान नरेंद्र संधु ने कहा कि फरवरी 2014 में दिल्ली जंतर मंतर पर आमरण अनशन के 11वें दिन भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और अनिल विज सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज को लेकर गए थे। उन्होंने कहा था कि हम एक रिटायर्ड जज को साथ लेकर आए हैं। आपकी पालिसी का अध्ययन भी करवा लिया है और आपको नियमित करने में कोई अड़चन नहीं है। यह सब तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष ने अपने भाजपा के लैटरपेड पर लिखकर दिया था। अब मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह चाह कर भी अतिथि अध्यापकों को नियमित नहीं कर सकते। अध्यापकों ने कहा कि 15 हजार परिवारों को बर्बाद कर मात्र सहानुभूति दिखाने से काम नहीं चलेगा। अगर भाजपा ने घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा नहीं किया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।