May 9, 2024

दिनांक 13 मई 2022 को करनाल के अल्फा इंटरनेशनल सिटी में स्थित आर.पी.एस इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में ‘ईशा फाउंडेशन’ के संस्थापक ‘सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी’ के नेतृत्व में मृदा संरक्षण अभियान चलाया गया | इस अभियान के फलस्वरूप विद्यार्थियों को मृदा संरक्षण के महत्व से परिचित करवाया गया |

इस अवसर पर ‘ईशा फाउंडेशन के स्वयंसेवी और सद्गुरु जी के शिष्य मोहित सरदाना जी एवं इनकी पत्नी मोनिका सरदाना जी’ मौजूद रहे | जिन्होंने विद्यार्थियों को इस अभियान से भली –भाँति परिचित करवाया | उन्होंने बताया कि पिछले 24 सालो से मिट्टी बचाओं का यह अभियान सद्गुरु जी की देख-रेख में चलाया जा रहा है |

यह अभियान मात्र एक अभियान नहीं अपितु देश की मिट्टी के प्रति हमें अपना फर्ज याद दिलाता है | उन्होंने बताया कि हम बचपन से सुनते आए है कि इसी मिट्टी में सोना उगता है | यह मिट्टी ही है जो फसल को उपजाऊ बनाने का कार्य करती है | लेकिन आज के समय में इसी मिट्टी का रेत बनना और मिट्टी का कटाव दोनों ही चिंता के विषय बन कर रह गए है |

इस मिट्टी में अनेक ऐसे छोटे-बड़े जीव रहते है जो हर प्रकार से इस मिट्टी को संरक्षण प्रदान कर रहे है | इसलिए जीवन को बचाने के लिए सर्वप्रथम मृदा का संरक्षण जरूरी है | उसके लिए जितने भी उचित कदम उठाने पड़े ,हम सभी वह उठाने को तैयार है | इस तरह उन्होंने न केवल विद्यार्थियों को अपितु शिक्षकों को भी मिट्टी के महत्व से परिचित करवाया |

विद्यालय की प्रबंधक कमेटी की अध्यक्षता में विद्यालय की प्रधानाचार्य महोदया रूपा गोसाईं जी ने इस कार्यक्रम को साकार रूप प्रदान करते हुए इस कार्यक्रम का अंत पौधारोपण के साथ किया | विद्यालय की प्रधानाचार्य महोदया रूपा गोसाईं जी, मोहित सरदाना जी एवं उनकी पत्नी मोनिका सरदाना जी ने विद्यार्थियों के साथ मिलकर तरह-तरह के पौधें लगाएं |

उन्होंने सभी विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति उनकी जिम्मेदारियों से अवगत करवाते हुए कहा कि विद्यालय में प्रवेश करते ही हर विद्यार्थी को अपना कर्त्तव्य भली-भाँति ज्ञात होना चाहिए | चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो या चाहे फिर प्रकृति से संबंधित |

रूपा गोसाईं जी ने मोहित सरदाना जी एवं उनकी पत्नी मोनिका सरदाना जी का हार्दिक धन्यवाद करते हुए कहा कि आज हम सब भी सद्गुरु जी के द्वारा दिए गए आदर्शों एवं सिद्धांतों पर चलकर यह शपथ लेते है कि हम अपनी इस मिट्टी का कभी अंत नहीं होने देंगे | इस संसार को रेगिस्तान होने से बचाएँगे |

उन्होंने कहा कि इस विद्यालय का हर एक विद्यार्थी अपने कर्त्तव्य को समझता हुआ सर्वप्रथम विद्यालय में प्रवेश करते ही इन पौधों को पानी देगा और प्रकृति की पूर्ण रूप से देखभाल करेगा |

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