हरियाणा – यूपी में सालों से ज़मीन को लेकर होता आ रहा विवाद अब जल्द होंगा खत्म , सीमा जमीन पर लगाये जा रहे है पिल्लर ,देखें Live – Share Video
इसकी शुरुआत UP सीमा पर बड़ी गांव से हुई है। यूपी सीमा पर पड़ते बड़ी गांव में तेज़ी से पिल्लर लगाने का काम चल रहा है और इसी गांव की तर्ज़ पर राज्य के उन ज़िलों में भी पिल्लर लगाए जाएंगे जो यूपी से टच करते इलाके हैं। इस प्रोजेक्ट पर इसलिए काम किया जा रहा है ताकि हर साल जो ज़मीनी विवाद को लेकर हरियाणा औऱ यूपी के किसानों में लड़ाई होती है वो ना हो।
हरियाणा-उत्तर प्रदेश की सीमा पर यमुना नदी में पिलर लगाने का काम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। करनाल से पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर अब पानीपत, सोनीपत, पलवल व फरीदाबाद जिलो में भी इसी आधार पर पिल्लर लगेंगे। दोनो राज्यों की सीमा पर जमीन को लेकर जो विवाद होता था वो विवाद अब नहीं होंगे। करनाल के लघु सचिवालय में हुई मीटिंग में डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड के अतिरिक्त पांच जिलो के उपायुक्त के साथ साथ प्रतिनिधि अधिकारी भी शामिल हुए। ज़मीन को लेकर विवाद ना हो इसलिए दीक्षित आवॉर्ड 1975 को आधार मानकर सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दी गई निशानदेही के अनुसार करनाल में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर बड़ी गांव में पिल्लर लगाने का जो काम शुरू हुआ था, वह लगभग पूरा हो गया है। अब उसी की तर्ज पर बचे हुए 4 ज़िले फरीदाबाद , पानीपत, सोनीपत , पलवल में भी इसी तरह से पिल्लर लगाए जाएंगे ताकि ये पता चल सके कि यूपी की ज़मीन कौनसी है और हरियाण की कौनसी । यमुना में लगने वाले बाउंडरी पिल्लर का डिजाइन पंजाब इंजीनयरिंग कॉलेज चण्डीगढ़ से तैयार करवाया गया है।
अब टैक्नोलॉजी का जमाना है, ऐसे में अब रिफरेंस पिलर लगाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बाउण्डरी पिलर या यमुना में लगाए जाने वाले पाईल्स पिल्लर की वास्तविक लोकेशन जी.पी.एस. से पता लगाई जा सकती है, इसे दोनो राज्य अपनाएंगे।
यमुना नदी हर साल अपना जलमार्ग बदलती रहती है, पिलर लगाने के बाद दोनो राज्यों के बीच सीमा के मसले का हल आसानी से हो जाएगा और झगड़ेबाजी नहीं होगी। दूसरी तरफ काफी हिस्सा माईनिंग का भी आता है जिसको लेकर लगातार झगड़ा होता है , इन पिल्लर के लगने के बाद वो झगड़ा भी खत्म हो जाएगा ।इस प्रोजेक्ट में हरियाणा और यू.पी., दोनो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अत्याधिक रूचि है, ताकि इसके पूरे होने से दोनो राज्यों की सीमाओं पर झगड़े ना हों। करनाल ज़िला की सीमा में कुल 396 पिल्लर लगेंगे।