November 14, 2024

री रामायण पाठक सभा की ओर से पुरानी अनाजमंडी में आयोजित श्री रामलीला में रविवार को श्रीराम वनवास का मंचन किया गया। कलाकारों ने अपनी अदाकारी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। मंचन के दौरान जब कैकई ने दशरथ से राम के लिए 14 वर्ष का वनवास और भरत के लिए राज्य मांगा तो मंचन देख रहे दर्शक उदास हो गए। रामलीला में मंथरा की बात मान कर कैकई कोप भवन में चली गई। राजा दशरथ कैकई को मनाने के लिए कोप भवन में गए। कैकई ने राजा दशरथ से दो वरदान मांगे, जिसे सुनकर राजा दशरथ बेसुध हो गए। इसके बाद भगवान राम ने दशरथ दरबार पहुंच कर राजा की बात मान ली। उन्होंने कहा कि रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। यह कहते हुए राम ने वनवास जाने की तैयारी कर ली। लक्ष्मण तथा सीता भी प्रभु राम के साथ वनवास जाने के लिए कहते है। श्री राम उनसे कहते हैं कि ये वनवास मुझे मिला है पर सीता व लक्ष्मण के हठ करने पर वे उन्हें साथ चलने की आज्ञा दे देते हैं। इस मौके पर लिबर्टी ग्रुप के एमडी शम्मी बंसल ने श्री रामलीला का रिबन काट कर उदघाटन किया। भगवान श्री राधा कृष्ण की आरती उतारी। उनके साथ मुख्य रूप से लिबर्टी ग्रुप से अमित गुप्ता व पंकजमणि गोयल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि माता पिता और गुरु की आज्ञा का हमेशा पालन करना चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति जीवन में अवश्य कामयाब होता है। विकट परिस्थितियों में भी व्यक्ति संभल जाता है। माता पिता की दुआएं और गुरु का आशीर्वाद सफल जीवन की कुंजी हैं। शम्मी बंसल ने कलाकारों द्वारा देवी देवताओं के चरित्र सुंदर और मनमोहक के रूप में प्रस्तुत करने पर सराहना की। श्री रामायण पाठक सभा को यह नेक कार्य करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यह सभा इसी प्रकार के आयोजन नियमित कर भारतीय परपंरा को जीवित रखने का कार्य करेगी। सभा के प्रधान नरेश गुप्ता ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट किया। नरेश गुप्ता ने बताया कि सभा 110 सालों से श्री रामलीला का मंचन करती आ रही है। दर्शकों की भीड़ से कलाकार प्रोत्साहित होते हैं। इस अवसर पर प्रधान नरेश गुप्ता, सभा गुरु रामकुमार शर्मा, पूर्व प्रधान श्रीनारायण गोयल, महानिर्देशक रामकिशन गुप्ता, निर्देशक अश्विनी दाबड़ा, महासचिव रजनीश बत्तरा, कोषाध्यक्ष राकेश कांबोज, सह कोषाध्यक्ष अनिल गुप्ता, स्वतंत्र कौशिक, संजीव गर्ग, बृजमोहन गुप्ता, विजय सिंगला, राकेश कांबोज, पुनीत जैन, अनिल गुप्ता, जतिन सिंगला, महिंद्र वोहरा, हरिकिशन सैनी, विजय सिंगला, अंकुर गुप्ता, रविंद्र बंसल, आशुतोष गौतम, अनिल गर्ग, वीरेंद्र शर्मा, स्वतंत्र कौशिक, विनोद गुप्ता, विनोद गर्ग, रमेश गुप्ता, अश्विनी बंसल, कृष्णलाल, प्रवीण दाबड़ा, पृथ्वी राज व कृष्ण गोपाल शर्मा मौजूद रहे।

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