सीएम सिटी में तीन महीनों से आंदोलनरत जेबीटी शिक्षकों के परिजन और बच्चे धरना स्थल पर पहुंच गए हैं। महिला शिक्षक नन्हें बच्चों के साथ फुटपाथ पर बैठने को मजबूर हो गई हैं। शनिवार को पीडि़त शिक्षकों की संख्या भी बढ़ी नजर आई। बच्चे अपने मां-बाप के साथ नारेबाजी करते दिखाई दिए। शिक्षकों की भूख हड़ताल को तीन दिन हो गए हैं। बीती रात दो शिक्षकों कृष्ण और सुनीता की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। शिक्षकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। इस मौके पर मुकेश डिडवानिया और राकेश जांगड़ा ने कहा कि इस कारण दो शिक्षक सदमें में जान गंवा चुके हैं, लेकिन सरकार की नींद नहीं खुल रही। सरकार किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि 1259 जेबीटी शिक्षकों पर अत्याचार किया गया है। लोअर मेरिट की काली सूची बनाकर शिक्षकों को घर से बेघर करने का काम किया है। काली सूची में शामिल किए गए सभी शिक्षक पूरी योग्यता रखते हैं, इसके बावजूद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। शिक्षकों ने कहा है कि आमरण अनशन नौकरी मिलने तक जारी रहेगा। नइंसाफी को शिक्षक बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस अवसर पर रश्मि, मधु, सुनीता, सरस्वती, पुष्पा, विजयलक्ष्मी, सुरेंद्र, सोनू, संदीप, श्रीभगवान, सुरेश जेवली, महेंद्र पाल, रमेश, अजेब सिंह, वीरपाल, सुभाष व अनीता देवी मौजूद रहे।