करनाल 9 सितम्बर, सिविल सर्जन करनाल डा. योगेश शर्मा ने बताया गया कि प्रदेश में जनवरी 2010 से कोई पोलियो केस नहीं हुआ है और भारतवर्ष में जनवरी 2011 से पोलियो का कोई केस नहीं मिला है। इसलिए भारत वर्ष 2014 को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है, परन्तु भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो के केस मिल रहे हैं जिसकी वजह से भारत में पोलियो केस का खतरा बना रहता है।
भारत में कोई भी पोलियो केस ना हो इसलिए भारत से बाहर जाने वाले व भारत में आने वाले व्यक्ति को पहले पोलियो की खुराक पिलाई जाती है। स्वास्थ्य विभाग करनाल द्वारा बुधवार को सीटीएम विजया मलिक की अध्यक्षता में सब-नेशनल पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए एक जिला टास्क फोर्स की मीटिंग का आयोजन किया गया।
इस बैठक में रोहतक मेडिकल कॉलेज से आए डबल्यूएचओ के प्रतिनिधि डा. अविरल शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलो में 20 सितम्बर से 22 सितम्बर तक सब-नेशनल पल्स पोलियो अभियान किया जाएगा। जिसमें हाई रिस्क एरिया जिसमें कंटेनमेंट जोन भी शामिल हैं, में दवाई पिलाई जाएगी।
अब की बार जिले के हाई रिस्क एरिया जैसा कि डेरे, फैक्ट्रियां, राईस मिल्स, सल्म एरिया, नोमेडस (झुग्गी-झोपड़ी) में रह रहे बच्चों को पोलियो की बूंदे पिलाई जाएंगी, क्योंकि ऐसी जगह पर माईग्रेटरी पोपुलेशन होती है, जहां पर पोलियो फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में हरियाणा का तथा वर्ष 2011 में भारत वर्ष का आखिरी पोलियो केस भी माईग्रेटरी पापुलेशन का ही था। उन्होंने जिलावासियों से अपील की कि सभी अभिभावक अपने 0 से 5 साल के बच्चों को 20 सितम्बर 2020 (रविवार) को नजदीकी बूथ पर पहुंचकर पोलियो की बूंदे अवश्य पिलवाएं।
इस अवसर पर सिविल सर्जन, सभी उप सिविल सर्जन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डा0 अविरल शर्मा और अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।