करनाल 12 अगस्त: कोविड-19 पेशेंट के लिए एक अच्छी खबर। शहर के कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज के भूतल पर आज 12 अगस्त को प्लाज़्मा बैंक की स्थापना हो गई है। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला के भाई श्रवण बठला प्लाज़्ाा दान करने के प्रथम डोनर बने।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मैडिकल कॉलेज जाकर प्लाज़्मा बैंक की ऑपनिंग की और प्लाज़्मा के प्रथम दानवरी श्रवण बठला को बधाई देने के साथ-साथ, कोविड-19 महामारी में मानवता के हित में प्लाज़्मा दान करने पर स्मृत्ति चिन्ह के साथ सम्मानित भी किया। इस अवसर पर करनाल के नवनियुक्त एसडीएम आयुष सिन्हा, केसीजीएमसी के निदेशक डॉ. जगदीश दुरेजा व ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर सचिन भी मौजूद रहे।
प्लाज़्मा बैंक की स्थापना के लिए उपायुक्त ने मैडिकल कॉलेज के निदेशक के प्रयासों की सराहना की और कोरोना दौर में कोविड-19 पेशेंट की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काम आने वाले प्लाज़्मा की अति जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मैडिकल कॉलेज में एक अच्छी शुरूआत हुई है।
उन्होंने संकेत दिए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्लाज़्मा बैंक को देखने के लिए यहां की विजिट कर सकते हैं या विडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए प्लाज़्मा दान करने वाले डोनर व डॉक्टरों से बात कर सकते हैं। उन्होंने निदेशक से प्लाज़्मा बैंक में प्लाज़्मा को रखे जाने बारे जानकारी ली।
केसीजीएमसी निदेशक डॉ. जगदीश दुरेजा ने बताया कि ऐसे कोविड मरीज जिन्हें ठीक हुए दो सप्ताह हो गए हों और उनमें एंटीबॉडी मौजूद हों, ऐसे व्यक्तियों का ब्लड लेकर उसमें से प्लाज़्मा सेपरेट करेंगे। सेपरेशन का काम बैंक में रखी स्पैक्ट्रो ऑपटिया मशीन करती है, ऐसी दो मशीने हैं। जैसे ही ब्लड मशीन में जाएगा, उसमें लगी छलनी के ऊपर जो द्रव्य रह जाएगा, वह प्लाज़्मा है।
इसे सुरक्षित करने के लिए बैंक में क्या सुविधाएं हैं, इस बारे डॉक्टर जगदीश दुरेजा ने बताया कि इसके लिए बैंक के स्टोर में माइनस 80 डिग्री का रेफ्रीजरेटर मौजूद है, जिसकी केपेस्टी 400 यूनिट प्लाज़्मा रखे जाने की है। सामान्य रक्त अधिकतम 3 सप्ताह तक रखा जा सकता है, जबकि प्लाज़्मा एक वर्ष तक स्टोर कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एक डोनर से दान दिया गया प्लाज़्मा दो कोविड-19 रोगियों को ठीक कर सकता है।