परिजनों ने आरोप लगाया कि करनाल पुलिस के 2 DSP विवेक चौधरी व राज कुमार पिछले काफी दिनों से परिवार के सदस्यों को नोटबंदी के दौरान उनके ऊपर राजनितिक साजिश के तहत दर्ज हुए एक झूठे मामले में प्रताडि़त कर रहे थे, जिसकी वजह से उनके भाई भरत उर्फ़ सोनू वधवा ने संदिग्ध परिस्थितियों में नहर में कूदकर आत्म हत्या कर ली !
आज सुबह सोनू वधवा का शव मिलने के बाद पहले परिजनों ने कहा कि जब तक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता तब तक वो शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे ,इस दौरान पुलिस ने परिजनों को काफी समझाने की कोशिश की,लेकिन परिजनों ने पुलिस अधिकारियों की कोई भी बात मानने से इंकार कर दिया !
जिसके बाद पुलिस ने परिजनों की उच्च अधिकारियों जिसमें जिला पुलिस अधिक्षक जशनदीप सिंह रंधावा व जिला उपायुक्त आदित्य दहिया से मीटिंग करवाई,
मींटिग में जिला उपायुक्त आदित्य दहिया, पुलिस कप्तान जे.एस. रंधावा, एस.डी.एम. योगेश कुमार व तहसीलदार राज बक्श व पीड़ित भाई डिप्टी मेयर मनोज वधवा व अन्य परिजन मौजूद रहे, जिनके बीच लगभग 3 घंटे बातचीत चली ! इस दौरान कई बार बात बिगड़ती नजर आई तो परिजनों ने प्रशासन व सराकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी शुरू कर दी ,कई घंटे चली बातचीत के बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा उचित आश्वासन देने के बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शाम 5 बजे शव परिजनों को सौंप दिया, प्रशाशन की तरफ से 15 दिनों के अंदर कारवाही करने का आश्वाशन दिया गया है और एक हाई लेवल की पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम पुरे मामले को देखेंगी
वही रो रोकर मिडिया से बातचीत में डिप्टी मेयर मनोज वधवा ने बताया की करनाल पुलिस के DSP द्वारा लगातार उनपर दबाव बनाया जा रहा था यहाँ तक की उन्होंने हाई कोर्ट में भी झूठ बोला की उनके पिता राधे श्याम 7 महीने से फरार चल रहे है जिसके चलते हाल ही में पुलिस की और राजनितिक साजिश के चलते उनके वारंट निकले सारे शहर को पता हैकी उनके पिता और उनका पूरा परिवार पिछले 7 महीनों से करनाल में ही है DSP का साजिशन बोला गया यह झूठ उनके भाई की मौत का कारन बना है !