घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने किसानों से कहा कि वे खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय को भी बढ़ावा दें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो सके। पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने भी विभिन्न योजनाओं को लागू किया है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग से जानकारी प्राप्त कर पशुपालक इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति और मजबूत कर सकते हैं। सरकार ने पशुपालकों के हित में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुधन बीमा योजना, कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं, पशु स्वास्थ्य एवं रोग निदान सेवाएं, पशु किसान क्रेेडिट कार्ड योजना, टीकाकरण, मुर्राह नस्ल संर्वधन कार्यक्रम, पशु सम्पदा योजना, मिनी डायरी आदि अन्य योजनाएं लागू की है।
विधायक ने कहा कि पंडित दीनदयाल पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत दुधारू, पशुभार वाहक पशु, भेड़, बकरी, सूअर आदि पशुओं का बीमा हिंदुस्तान इन्श्योरेंस ब्रोकर लिमिटेड व दी न्यू इंडिया एस्सूरेंस कम्पनी लिमिटेड के माध्यम से प्रत्येक पशु चिकित्सालय में किया जा रहा है।
इस योजना के तहत पशु की आकस्मिक मृत्यु होने पर पशुपालक को आर्थिक मदद दी जाती है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा फ्री किया जाता है तथा बीमा राशि का पूरा भुगतान विभाग द्वारा वहन किया जाता है।
विधायक ने कहा कि सामान्य श्रेणी के पशुपालकों के बड़े पशुुओं का बीमा प्रीमियम 100 रुपये प्रति पशु व छोटे पशुओं (भेड़, बकरी, सूअर) का बीमा प्रति पशु 25 रुपये प्रीमियम की दर से किया जाता है। इस योजना के तहत पशुपालक के 5 पशुओं तक का बीमा उक्त स्कीम के तहत करवाया जा सकता है।
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक द्वारा 1.60 लाख रुपये तक की राशि बिना कुछ गिरवी रखे किसी भी बैंक से ली जा सकती है। पशुपालन व्यवसाय अपनाने बारे किसी भी नागरिक को कोई परेशानी आती है तो वे संबंधित विभाग, जिला प्रशासन या उनसे संपर्क कर सकते हैं।