बलात्कारी गुरमीत राम रहीम के डेरे को जैसे-जैसे खंगाला जा रहा है. उसके काले पाप सामने आ रहे हैं. अब खुलासा हुआ है कि गुरमीत राम रहीम अपने भक्तों को सोने के भाव से सब्जियां बेचा करता था.
बलात्कारी बाबा एक हजार रुपए की हरी मिर्च, दो हजार रुपए के मटर के 10 दाने और तीन हजार रुपए का एक बैंगन देता था. दुनिया की किसी सब्जी मंडी में इतनी महंगी सब्जी नहीं बिकती होगी. जितनी राम रहीम के कुछ अंध भक्त खरीदते थे. दरअसल सिरसा में राम रहीम का डेरा करीब 800 एकड़ में फैला है, जिसमें खूब खेती होती है. अब खुलासा हुआ है कि इस सब्जी को राम रहीम अपने भक्तों को सोने के दाम पर बेचता था.
मसलन एक हरी मिर्च एक हजार रुपए की, एक छोटा बैंगन एक हजार रुपए का. बैंगन का साइज बड़ा हो तो दाम भी दोगुने यानी दो हजार हो जाते हैं. मटर के पांच दानों का पैक एक हजार रुपए तक मिलता है
सब्जी को भक्तों के घर पहुंचाने का जिम्मा भंगीदास का होता था. भंगीदास डेरे के वो भक्त हैं जो नाम चर्चा घर में मंच का संचालन करते हैं. ग्रामीण और शहरी नाम चर्चा घरों के भंगीदार अलग-अलग होते हैं, फिर इन दोनों के उपर ब्लॉक का भंगीदास होता है. डेरा को घर-घर से जोड़ने के लिए ही राम रहीम ने भंगीदास प्रथा बनाई थी.
अब आप सोचेंगे कि आखिर राम रहीम की इतनी महंगी सब्जी खरीदता ही कौन होगा. दरअसल राम रहीम के भक्त अंधविश्वास में मिलकर इन सब्जियों को खरीदते थे. अंधभक्ति ऐसी थी कि बाबा के बाग की सब्जी का स्वाद हर कोई चखना चाहता था. परिवार के एक सदस्य को भी हजारों की कीमत का मटर का एक दाना मिलता तो वो खुद को धन्य समझता.
बताया जा रहा है कि हफ्ते-पंद्रह दिन में एक बार डेरा सब्जी की सप्लाई गुरमीत राम रहीम का एक आदमी तक पहुंचाता था. वो उसका पैकेज बनाकर उसे डेरा भक्तों को बेचता था. सब्जी से इकट्ठा होने वाला पैसा डेरा मैनेजमेंट को भेजा जाता था.
भक्तों को बहला कर इतनी महंगी सब्जी बेचकर यकीनन राम रहीम ने लाखों रुपया कमाया और यही रकम अपने अय्याशी के इन महलों में लगाई, लेकिन कहते हैं न जैसी करनी वैसी भरनी. अब गुरमीत राम रहीम जेल की चारदीवारी के पीछे है और उसके बाग की सब्जियां नहीं बल्कि जेली की सूखी रोटियां परोसी जा रही हैं.