करनाल में राष्ट्रीय गेहू एव जौ अनुसधान संस्थान का छठा स्थापना दिवस आज मनाया गया , कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजे जाने वाले डॉ. अनिल कुमार जोशी ने शिरकत की। संस्थान के निवेदक डॉ.ज्ञाननेन्द्र प्रताप सिंह भी मौजूद रहे।
करनाल स्तिथ राष्ट्रीय गेहू एव जौ अनुसधान संस्थान में आज छठे स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 2006 में पदमश्री से नवाजे गए व् पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजे जाने वाले गए डॉ. अनिल कुमार जोशी ने शिरकत कर विज्ञानिको को अपना सन्देश दिया ।
मिडिया से बातचीत में डॉ. अनिल कुमार जोशी ने संस्थान को स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी। अनिल जोशी ने कहा आज मैने यहां आकर बहुत बड़े -बड़े प्रयोग देखे। मेरे मन में एक विश्वास बड़ा है। डॉ. अनिल कुमार जोशी ने कहा में हमेशा से विज्ञानिको को एक बात कहता आया हु जब तक वह खुद किसान नहीं बनेगे। जब तक वह खेती बाड़ी के दुःख दर्दो व् किसानो के मुद्दों को उस गम्भीरता से नहीं समझ सकेंगे। वही अनिल जोशी ने कहा हमे एक बात समझ लेनी चाहिए सबको ।
बहुत तेजी से हमारे चारो तरफ हमारे घर से लेकर दुनिया के अंत तक परिस्थिया बिगड़ रही है प्रकृति बहुत क्रोध में है। वो इस लिए है हमने विकास की जो भी परिभाषा गड़ी है. उसमे प्रकृति का कोई स्थान नहीं था। अगर प्रकृति कोई स्थान नहीं होगा तोप्रकृति हमे छोड़ देगी। वही पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजे जाने वाले गए डॉ. अनिल कुमार जोशी से जब एक सवाल पूछा गया की आज लगातार किसान खेती से मुँह मोड़ने लगे है।
इस पर बोलते हुए जोशी ने कहा इस देश की आर्थिक को अगर सफल बनाना है. तो एक ही रास्ता है किसान और गाँव लेकिन जब भी विकास की बात होती है बड़े शहरों का नाम हमेशा आता है। किसानो को पहले उनका सामना देना चाहिए।