करनाल में जिला प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय के सभागार में संविधान दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारियों एव कर्मचारियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया और इस मौके पर एसडीएम करनाल नरेन्द्र पाल मलिक, एसडीएम असंध अनुराग ढालिया, एसडीएम इंद्री सुमित सिहाग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ने बोलते हुए कहा कि भारत में 26 नवम्बर को हर वर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था। गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।
उन्होंने कहा कि संविधान समिति के अध्यक्ष डा. भीम राव अम्बेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है। भारत की आजादी के बाद प्रथम अंतरिम सरकार ने डा. भीम राव अम्बेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रूप में सेवा करने का निमंत्रण दिया गया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान पर पहली टिप्पणी करते हुए ग्रानविले ऑस्टिन ने इसे सामाजिक क्रांति के लक्ष्यों को हासिल करने वाला संविधान बताया था। भारतीय संविधान के प्रति डा. भीम राव अम्बेडकर का स्थाई योगदान भारत के सभी नागरिकों के लिए मददगार कदम है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान पूरे विश्व में अनोखा है और संविधान सभा द्वारा इसे पारित करने में लगभग दो साल 11 महीने और 17 दिन का समय लगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में जहां देश के सभी लोगों को एक जैसे मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, वहीं मौलिक मौलिक कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन मनाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब हम सभी एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश और समाज के उत्थान में अपना सहयोग देने का संकल्प लेंगे।
उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे विस्तृत और लचीला संविधान होने के साथ-साथ भारत के संविधान की यह विशेषता है कि इसमें समाज के हर वर्ग के हितों और अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान भी किया कि वह अपनी दिनचर्या की ड्यूटी को और बेहतर तरीके से निभाने के लिए संविधान की मूल भावना को अपनी कार्यशैली का अधार बनाएं।
इस मौके पर डीएसपी वीरेन्द्र सिंह ने संविधान की प्रस्तावना पढक़र सुनाई और कहा कि यह प्रस्तावना पूरे संविधान का मूल आधार है।