लोअर मैरिट के नाम नौकरी से निकाल दिए गए जेबीटी शिक्षकों ने जिला सचिवालय के सामने फिर से धरना शुरू कर दिया है। रविवार रात तक शिक्षकों ने सरकार के फैसले का इंतजार किया, लेकिन कोई निर्णय नहीं आने पर जेबीटी शिक्षकों ने आंदोलन की शुरूआत कर दी। शिक्षकों का कहना है कि अबकी बार किसी भी मंत्री, नेता, अधिकारी या जन प्रतिनिधि के झांसे में नहीं आएंगे।
जब तक ज्वाइंग लेटर देकर स्कूलों में नहीं भेजा जाता ये धरना ज्यों का त्यों जारी रहेगा। मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तौर पर प्रताडि़त हो चुके शिक्षक अब कोई भी अप्रिय कदम उठा सकते हैं। शिक्षकों का कहना है कि अब सब कुछ बर्दाश्त से बाहर हो चुका है। कोर्ट द्वारा स्टे आर्डर देने के बावजूद शिक्षकों को नौकरी पर नहीं रखा गया। एक अधिकारी ने करनाल में आकर शिक्षकों का अनशन यह कहकर खुलवाया था कि 15 अगस्त तक सभी 1259 जेबीटी शिक्षकों को स्कूलों में भेज दिया जाएगा। तकनीकी तौर पर शिक्षक पूरी योग्यता रखते हैं। सोमवार को भारतीय मजदूर संघ और किसान सभा ने भी जेबीटी शिक्षकों को अपना समर्थन दिया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि शिक्षकों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर मुकेश डिडवानिया, राकेश जांगड़ा, मुकेश, वीरेंद्र, संजय, तेजवीर, कुलदीप, राजकुमार, सुशील, केवल, जसमेर , मनोज, नीलम, इंदुबाला, पंकज व उषा आदि मौजूद रहे।