समाधानांचल सेवा समिति की राष्ट्रीय अध्यक्षा एडवोकेट संतोष यादव द्वारा पूरे भारत में चलाए जा रहे त्रिवेणी लगाने के अभियान के तहत आज उन्होंने कहा कि श्राद्ध पक्ष में त्रिवेणी लगाना संसार का सबसे उत्तम एवं श्रेष्ठ कार्य माना गया है, क्योंकि त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है। उन्होंने कहा कि हमें श्राद्ध पक्ष को नकारात्मक दृष्टि से न देखते हुए सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा त्रिवेणी लगाकर अपने देवी-देवताओं एवं पितरों को खुश रखना चाहिए। इन दिनों में त्रिवेणी लगाना दुनिया का सबसे बेहतरीन कार्य माना गया है इसलिए सभी को अपने जीवन एक बार त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए।
आज करनाल में त्रिवेणी रोपित करते हुए उन्होंने कहा कि ये त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका अध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थाई यज्ञ की संज्ञा दी गई है। जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल-हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है। हर वो इंसान जो श्रद्धाभाव एवं अध्यात्मिक भाव से इस त्रिवेणी को लगाता व लगवाता है या इसका पालन-पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं होता।
त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है और ये त्रिवेणियां आने वाली भावी पीढिय़ों के लिए भी वरदान साबित होती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह त्रिवेणी बढ़ती है वैसे-वैसे आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। रातो-रात कुछ नहीं बदला जा सकता। जब एक बीज बोते हैं तो उसे भी बढऩे में समय लगता है। दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं, वही जिन्दगी है।
एडवोकेट संतोष यादव ने बताया कि ये त्रिवेणी ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में भी मील का पत्थर साबित होंगी इसलिए हमें पर्यावरण के प्रति हमें कटिबद्ध होना चाहिए। यदि समय रहते वृक्षों का संरक्षण और नये पौधो का रोपण नहीं किया गया तो हमारी आने वाली पीढिय़ां शुद्ध वायु के लिए तरस जाएंगी और पूरी मानवता पर संकट खड़ा हो जाएगा इसलिए हम सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने व अपने बच्चों के जन्मदिवस तथा किसी भी प्रकार के अन्य मांगलिक कार्यों पर त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए। मांगलिक कार्यों पर लगाई गई त्रिवेणी से भविष्य में सकारात्मक लाभ प्राप्त होता है। इसलिए हमें स्वयं ही नहीं बल्कि दूसरों को भी त्रिवेणी लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बारिश बाढ़ नहीं बरकत लेकर आए इसका एकमात्र उपाय भी त्रिवेणी है।