सांझा साहित्य मंच की ओर से निर्मल धाम में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता आरएस गौतम ने की व संचालन सतविंद्र राणा ने किया।
इस मौके पर जय भारद्वाज ने कहा ‘नील गगन से उंचा एक गगन देखा, जिधर भ झांका हमने खालीपन देखा।’ साविर खान बोले ‘कोई हसी मंजर आंखों जब ओझल हो जाएगा, मुझको पागल कहने वाला खुद पागल हो जाएगा।’ सतिवंद्र कुमार राणा ने फरमाया ‘बढऩा आगे तब सही, जब लें सही विचार, आंख मूंद यदि चलदिए, गिरें गर्त में यार।’ टीसी अग्रवाल ने कहा ‘ जिंदगी के पन्नों पर कुछ ऐसा लिखा जाए, जो मंत्रों की तरह सुबह शाम पढ़ा जाए।’ आरएसम गौतम बोले ‘अब तो मेरे देशवासियों, अपने मन में करो विचार, छोड़ो घिसे पिटे ढर्रे को, देखो सिमट रहा संसार।’
कुष्ण कुमार निर्माण ने फरमाया ‘हिचकियां ही सही बहम में डाले रखती हैं, बहम अच्छा है कि तुम मुझे याद करत हो।’ इस अवसर पर मानकी ने भी काव्य पाठ किया।