करनाल, 27 मई : सिक्ख समुदाय के जाने-माने संत खजान सिंह जी की 13वीं बरसी पर गुरुद्वारा भाई लालो जी ने तीन
दिवसीय गुरमत समागम सम्पन्न हुआ। जिसमें देश-प्रदेश से आए रागी-ढाढी जत्थे गुरु की महिमा का बखान किया। इस अवसर पर गुरु का दरबार फूलों से सजाया गया। गुरमत समागम की शुरूआत अखंड पाठ साहिब के साथ हुई। जिसका आज समापन अखंड पाठ के भोग के साथ हुआ। इस मौके पर अटूट लंगर चलाया गया।
वहीं कीर्तन समागम में लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर बीवी दलेर कोर जी खालसा ने संत खजान सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संत किसी एक समाज के नहीं होते, बल्कि समूची मानवता के होते है। संत खजान सिंह जी की बरसी पर गुरु के आगे शीश नवाने वालो की सुबह से ही लम्बी कतारें लगी रही।
इस कार्यक्रम में नौजवान कीर्तनी जत्था गु. भाई लालो जी, भाई महिन्द्र सिंह जी, भाई जानपाल सिंह जी ने भी गुरु की महिमा का गुणगान किया। इस मौके पर स. इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि संतो के बताये रास्ते पर चलकर ही समाज को नई दिशा दी जा सकती है। उन्होंने भाई खजान सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर सिक्ख समुदाय और गुरु की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम किया।
इस अवसर पर प्रधान दलेर सिंह, भूपेन्द्र सिंह, कंवलजीत सिंह, हरपाल सिंह, सुखदेव सिंह, हरपाल सिंह, सतनाम सिंह, परमिन्द्र सिंह, सरदार सिंह, सुखपाल सिंह, चरनजीत सिंह और प्रो. महिन्द्र पाल सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।