राम नगर के कुछ लोगो ने 2014 के चुनाव के दौरान निकली गई विजय संकल्प यात्रा को काले झंडे दिखाकर मनोहर लाल का किया था विरोध, परन्तु मतभेद दूर होने पर दिया था दिल से साथ, राम नगर के बहुत से कार्यकर्तओं ने दिन रात ग्राउंड लेवल पर चुनाव कैंपेन करके मनोहर लाल के सिर पर विजय का ताज सजाया था। अब राम नगर एरिया में ही मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। इस क्षेत्र के कार्यकर्ता सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज़ है। कुछ का कहना है कि उनकी पूर्ण से अनदेखी हो रही है।विरोध में एक नारा भी लगाया ” कमल का फूल सबसे बड़ी भूल।”
करनाल राम नगर का क्षेत्र जहाँ हरियाणा के मुख्यमंत्री का घर (अस्थाई) है। आज भी लगी है उनके नाम की नेम प्लेट। एक कार्यकर्ता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनके बेटे ने सैनिक स्कूल का एग्जाम फर्स्ट रैंक से पास किया परंतु इंटरव्यू में उसे बाहर कर दिया।हम अपनी सरकार में भी छोटे छोटे कामों को करवाने के तरस रहे है।
इसी हप्ते भाजपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष ने भी मुख्यमंत्री व मंत्रियों को सख्त आदेश दिए कि हप्ते में दो दिन कार्यकर्ताओं से मिले, अगर टाइम ज्यादा लगे तो टिफिन भी वही मंगवाए। राष्ट्रीय अध्य्क्ष अमित शॉ कार्यकर्तओं की ताकत को समझते है। किंतु मनोहर लाल से क्यों रुठ रहे है। उन्ही को जिताने वाले उनके समर्थक । अपने ही घर में क्यों विरोध झेल रहे है। मनोहर लाल खट्टर राम नगर के एक कार्यकर्ता तो सिर्फ इस बात से नाराज दिखे की, जब भी मनोहर लाल करनाल विजिट पर आते है।हर बार कुछ गिने चुने लोगो से ही मिलकर वापिस चले जाते है।
एक नाराज कार्यकर्ता ने बताया कि किसी का तबादला करवाना, नौकरी लगवाना , आम आदमी और कार्यकर्ता के ऐसे ही छोटे काम होते है । हालांकि सार्वजनिक कार्यो पर उन्होंने कहा कि हर तरफ विकास कार्य हो रहे है। आगे की रणनीति पर उन्होंने कहा कि सब लोग आपस में बातचीत करके आगे का निर्णय लेंगे।