November 23, 2024

सीएम सिटी करनाल की सुरक्षा व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए नगर निगम की ओर से चौक-चौराहों पर लगाए गए करोड़ों रुपए के सीसीटीवी कैमरे कबाड़ हाेते जा रहे हैं ! वह भी ऐसे मौके पर जब लोकसभा चुनाव सिर पर हाें ! हालात ये हैं कि 16 कैमरे पिछले 6 माह से बंद पड़े हैं, लेकिन नगर निगम ने इनको दुरुस्त कराने की जहमत नहीं उठाई है !

करनाल पुलिस विभाग भी नगर निगम को पत्र लिख चुका है , इसके बावजूद खास कार्रवाई नहीं हो पाई है ! एक तो इन कैमरों के बार-बार बंद होने की समस्या आड़े आ रही है, दूसरा इनकी विजिबिलिटी भी ठीक नहीं है ! रात के समय इन कैमरों द्वारा ली गई फोटो से पुलिस को अपराधियों की गाड़ी के नंबर ठीक से पढ़ने को नहीं मिलते हैं और न ही अपराधी का चेहरा स्पष्ट पहचान में आता है ! इस समस्या के बारे में पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी कई बार बंद कैमरों के बारे में निगम को सूचित कर चुका है, लेकिन अभी तक कैमरे बंद पड़े हैं !

न चोरी रुक रही और न अपराधी पकड़ में आ रहे : शहर में आधे अधूरे स्थानों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे कोई खास रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं ! शहर में न चोरी रुक रही हैं और न अपराधी पकड़ में आ रहे हैं ! कैमरों का रखरखाव ठीक न होने के कारण अक्सर कोई न कोई कैमरा बंद रहता है !

  • रात की घटना में न गाड़ी का नंबर, न अपराधी का चेहरा दिखता साफ
  • अग्रसेन चौक पर बंद पड़े कैमरे
  • 2-3 घंटे बिजली न मिले तो हो जाते हैं बंद

शहर में लगाए गए इन कैमरों के यूपीएस का बैकअप भी अधिक नहीं है ! आंधी-तूफान आने अथवा बिजली लाइन में फाॅल्ट आने पर अगर 2 से 3 घंटे तक बिजली न आए तो यूपीएस का बैकअप खत्म हो जाता है और यह कैमरे बंद हो जाते हैं ! इनकी यह भी एक खामी बताई जा रही है ,इन कैमरों पर 12 से 24 घंटों के बैकअप वाले यूपीएस लगने चाहिए !

31 लोकेशन पर लगे 129 सीसीटीवी कैमरे

करनाल सिटी में 31 लोकेशन पर 129 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे , इनमें 25 पीटीजेड और 104 फिक्स कैमरे शामिल हैं , इन पर 9.52 करोड़ रुपए की लागत आई थी ! मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खट्टर इनका उद्घाटन किया था, तब शहर की सुरक्षा को लेकर दावे किए गए थे कि भागे अपराधियों को पकड़ना आसान रहेगा ! अपराधी पुलिस से बच नहीं पाएंगे, लेकिन ऐसा कोई रिजल्ट सामने नहीं आ रहा है !

48 घंटे में करने होते हैं खराब कैमरे दुरुस्त

निगम ने जिस दूर संचार सिस्टम कंपनी से इन कैमरों को लगवाया था उनके द्वारा अनुबंध के आधार पर किसी भी खराब कैमरे को 48 घंटे में ठीक करना होता है, क्योंकि उनको 6 साल तक मेंटीनेंस की भी जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन शहर में एकाध लोकेशन को छोड़कर अन्य खराब कैमरों को खराब हुए छह माह का समय बीत गया है, लेकिन यह कैमरे ठीक नहीं हो पाए हैं !

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